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Agency | Apr 09, 2021 | Health and Fitness
गलत पोश्चर में बैठना शरीर के निचले हिस्से के लिए हानिकारक
दफ्तर में कामकाज के दौरान गलत मुद्रा (पोश्चर) में लगातार चार-पांच घंटे तक बैठे रहने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। बैठने की मुद्रा और शरीरिक गतिविधियो पर पर्याप्त ध्यान देना आवश्यक है। हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया (एचसीएपफआई) के अध्यक्ष डाॅ. के. के अग्रवाल का मानना है कि आज लगभग 20 प्रतिशत युवाओं को 16 से 34 साल आयु वर्ग में ही पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं हो रही हैं।
एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा टेढे़ होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ खराब हो सकते हैं और रीढ़ की हड्डी की डिस्क पीठ और गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है। लंबे समय तक खंडे रहने से भी स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि शरीर को सीध रखने के लिए बहुत सारी मांसपेशियों की ताकत की आवश्यकता होती हैं। लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त के प्रवाह में रुकावट आती है। इससे थकान, पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में दर्द की शुरुआत हो सकती है।
पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं के लक्षणों में वजन घटना, शरीर के तापमान में वृद्धि( (बुखार), पीठ में सूजन, पैर के नीचे और घुटनों में दर्द, मूत्र असंतुलन, मूत्र त्यागने में कठिनाई और जननांगों की त्वचा का सुन्न पड़ जाना शामिल है। योग पुरानी पीठ दर्द के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है, क्योंकि यह कार्यात्मक विकलांगता को कम करता है। यह इस स्थिति के साथ गंभीर दर्द को कम करने में भी प्रभावी है। यदि आप सुबह उठते हैं या कुछ घंटे के लिए अपनी डिस्क पर बैठे होने पर थकान या दर्द का अनुभव करते हैं तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी मुद्रा सही नहीं हैं।