+91-9414076426
Avnish Jain | Jun 30, 2022 | Editorial
दुनिया भर में
आर्थिक उथल-पुथल चिंताजनक
बढ़ती महंगाई दर और दुनियाभर के शेयर बाजारों का धड़ाम होना क्या किसी खतरे की घंटी है या फ़िर इसे कोरोना के बाद का असर और रूस-यूक्रेन युद्ध का परिणाम माना जाएं? आर्थिक जानकारों के लिए अभी यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि क्या सचमुच दुनिया फ़िर आर्थिक मंदी की तरफ जा रही है? पर चिंताजनक तथ्य यह है कि अमरीका और भारत ही नहीं, तमाम देशों के शेयर बाजार पिछले छह माह के दौरान लुढ़कते नजर आ रहे हैं। हालत यह है कि भारतीय बाजार 20 फीसदी तो अमरीकी बाजार 20 से 30 फीसदी गोता लगा चुके हैं।
अमरीका में चार दशक बाद की सबसे चिंताजनक महंगाई दर ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा रखी है। तेल के दामों में उठापटक और डाॅलर के मुकाबले रुपए का लगातार कमजोर होना हमारे लिए तो वाकई बड़ी चिंता के कारण माने जा सकते हैं। बड़ा सवाल यह है कि सामने खड़े संकट से निपटने के लिए हम कितने तैयार हैं? कोरोना महामारी से उपजी आर्थिक परेशानी दूर भी नहीं हुई थी कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करके नई मुसीबतों को न्यौता दे डाला। आज दुनियाभर में रोजगार के घटते अवसर बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं। डेढ़ दशक पहले दुनिया में छाई आर्थिक मंदी को लोग भूले नहीं हैं। अंतराष्ट्रीय एजेंसियां भले ही भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने का अनुमान लगा रही हों, पर जमीन पर ऐसा होता अभी नजर नहीं आ रहा। दुनिया की आर्थिक उथल-पुथल का असर हम पर पड़ना निश्चित है लेकिन हमें अपनी जरूरतों के लिए नए विकल्पों पर ध्यान देना होगा। तेल और गैस के मामलों में अपने पैरों पर खड़े होने की तैयारी तेज करनी होगी। निजी क्षेत्रा में रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ स्टार्टअप जैसी योजनाओं को और व्यावहारिक बनाने पर भी ध्यान देना होगा। ‘मेक इन इंडिया’ का नारा, नारा बनकर नहीं रह जाए, इसकी चिंता भी करनी होगी। माना कि महज शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से ही किसी देश की आर्थिक हालत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता लेकिन इसके संकेतों को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता।
रोजगार की आस में युवाओं के टूटते धैर्य को उनके नजरिए से ही देखने की जरूरत है। तभी हम दुनिया के ताकतवर देशों की सूची में शामिल होने के सपने को साकार कर पाएंगे। सरकार को सभी राजनीतिक दलों व औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों का विश्वास भी जीतना होगा। योजना किसानों के लिए हो या युवाओं के लिए, सबको विश्वास में लेना जरूरी है।