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Agency | Apr 30, 2021 | Taxation Update
टैक्स बचाने के लिए क्या है बेहतर ऑप्शन
एनएससी या 5 वर्ष की बैंक एफडी?
जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होता है तो लोग टैक्स बचाने के तरीके खोजने लगते हैं। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और बैंक में 5 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपाॅजिट के जरिए सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग की जा सकती है।
ये प्रमुख इंस्ट्रुमेंट्स हैं, जिनका उपयोग लोग टैक्स बचाने के लिए करते हैं। दोनों इंस्ट्रूमेंट्स का लाॅक-इन पीरियड 5 वर्ष है। यहां दोनों के फीचर समझने की जरूरत है, जिससे पता चल सके कि कौनसा तरीका बेहतर है।
इंटरेस्ट रेट
बैंक में टैक्स-सेविंग फििक्स डिपाॅजिट पर इंटररेस्ट रेट अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग है और वर्तमान में यह 5.3 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक है, जबकि एनएससी में मार्च 2021 क्वार्टर के लिए इंटरेस्ट रेट 6.8 प्रतिशत है। एनएससी की इंटरेस्ट रेट हर क्वार्टर में सरकार तय करती है, जबकि एफडी की रेट बैंक तय करते हैं। बैंक एपफडी पर इंटरेस्ट पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स लागू होता है, जबकि एनएससी पर टीडीएस लागू नहीं होता है।
रिइनवेस्टमेंट ऑफ इंटरेस्ट
एनएससी और टैक्स-सेविंग एफडी, दोनों पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स बचाना इनवेस्टर पर निर्भर है। एनएससी के मामले में जो इंटरेस्ट मिलता है, वह इनवेस्टर को नहीं दिया जाता, बल्कि पिफर से इनवेस्ट करते हुए उसे कुल राशि में जोड़ दिया जाता है। एनएससी पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलती है। बेंगलुरु-बेस्ड-चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रकाश हेगडे़ कहते हैं कि इंटरेस्ट डिडक्शन का दावा करने के लिए इनवेस्टर को वर्ष में मिले इंटरेस्ट की राशि इनकम टैक्स रिटर्न में Other Income के रूप में दिखानी पड़ती है और इनकम टैक्स फाॅर्म के चैप्टर 4 के तहत धरा 80सी के तहत डिडक्शन का दावा करना होता है। बैंक एफडी के मामले में इंटरेस्ट को जोड़कर मेच्योरिटी पर पेमेंट लिया जा सकता है, या हर तीन महीने में इंटरेस्ट की राशि बैंक से प्राप्त की जा सकती है। बैंक एफडी पर इंटरेस्ट मिलने पर धरा 80सी के तहत डिडक्शन का दावा नहीं किया जा सकता। हेगड़े के मुताबिक व्यक्ति टैक्सेशन की मर्केटाइल मेथड का उपयोग कर सकता है और टैक्स फार्म में प्रति वर्ष इंटरेस्ट से इनकम दिखा सकता है, या मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि के आधर पर इंटरेस्ट की राशि दिखा सकता है। लेकिन जो भी तरीका अपनाएं, प्रति वर्ष उसी के आधर पर रिटर्न फाइल कर है और इसमें धरा 80सी के तहत इंटरेस्ट डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। एनएससी और टैक्स-सेविंग बैंक एफडी दोनों की अवधि समान होती है और इसमें इनवेस्टमेंट की उपरी सीमा नहीं है। हालांकि एक्सपट्र्स आम तौर पर एनएससी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि फिलहाल इसमें इंटरेस्ट रेट ज्यादा है।
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी फिनवाइज पसर्नल फाइनेंस साॅल्यूशंस की फाउंडर प्रतिभा गिरीश ने कहा कि ये दोनों ऑप्शंस सीनियर सिटीजंस के लिए रिकमेंड किए जाते है हैं। मै एनएससी को प्राथमिकता देती हूं, क्योंकि इसमें इंटरेस्ट रेट ज्यादा इसमें इंटरेस्ट रेट ज्यादा है और इसमें धारा 80सी के तहत इंटरेस्ट डिडक्शन बेनिफिट मिलता है।