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Agency | Jul 05, 2023 | Travelling Destinations
हिल स्टेशन के साथ दक्षिण जाकर मानसून का मजा ले सकते है
अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं तो न केवल आपको ठंडी वादियों की तरफ रुख करना चाहिए बल्कि मानसून का भी मजा ले सकते हैं। वैसे तो हर वर्ष एक जून को केरल में मानसून आ जाता है लेकिन इस वर्ष थोड़ी देरी से आया है। यहीं से फिर महाराष्ट्र होते हुए आगे बढ़ता है। भारतीय मानसून यूरोपीय देशों की तुलना में बिल्कुल अनोखा होता है। मानसून के साथ-साथ भी अपनी स्पेशल यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
हिल (पहाड़ी क्षेत्र) पसंद करने वाले उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, दक्षिण में उफटी क्षेत्रों या फिर नार्थ ईस्ट के राज्यों में जा सकते हैं। जिन्हें प्रकृति से लगाव है उन्हें लद्दाख, जम्मू और कश्मीर वाले क्षेत्रों में जाना चाहिए क्योंकि वहां आपको पाइन के लंबे पेड़ों के साथ फूलों से लदी वादियां देखने को मिलेगी। हिमाचल में लाहौल स्पीति और उत्तराखंड में मसूरी से उपर चकराता की ओर पहाड़ी क्षेत्रों में जाना चाहिए। इसी तरह स्कूबा डाइविंग, बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, स्कीइंग और सपिर्फंग आदि के लिए ऋषिकेश, मनाली, गुलमर्ग, बीर बिलिंग, गोवा, वागामोन और औली जाना चाहिए। अगर हिल्स पर घूमने जा रहे हैं तो आपको उन जगहों के बारे में जानकारी नहीं होती है। रास्ते भी खतरनाक होते हैं। रात में घूमने या ड्राइव करने से बचें। ये जगहें ठंडी होती है। इसलिए कपड़ों के साथ मेडिकल किट रखना न भूलें। जम्मू से सड़क माग होते हुए कश्मीर जा रहे हैं तो अभी सावधनी बरतें क्योंकि वहां फोर लेन का काम चल रहा है।
ब्रह्मपुत्र के माजुली आइलैंड का रोमांच
यह नदी पर बना दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है जो असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 16वीं सदी में बना था। लेकिन यह तेजी से छोटा होता जा रहा है। 150 साल पहले इस द्वीप का क्षेत्रफल 1250 वर्ग किमी था जो नदी के कटाव से अब 450 वर्ग किमी से भी कम रह गया है। यह जोरहाट शहर से करीब 20 किमी दूरी पर है। यहां आपको असमी संस्कृति देखने को मिलेगी। यहां 100 से अध्कि प्रकार के चावल की खेती होती है। यहां होटल्स के रूप में आपको छप्पर के कमरे मिल सकते हैं। यहां बड़ी नाव यानी फेरी से जाना पड़ता है। यहां प्रदूषण बिल्कुल नहीं है। हर तरफ प्रकृति ही प्रकृति है।
बूदों के साथ करें यात्रा
कुछ लोग ऐसे भी है जो मानसून के साथ यात्रा करते हैं। जैसे-जैसे मानसून आगे बढ़ता है उसी दिशा में वे भी आगे बढ़ते है। यह 10-15 दिन का एक बहुत ही अच्छा ट्रिप हो सकता है जो केरल से शुरू किया जा सकता है। केरल में मानसून फेस्टिवल भी मनाया जाता है। वहां आज भी आम जनता मानूसन का स्वागत करती है। पहले वहां त्रिवाणकोण के राजा अपनी प्रजा के साथ रंगीन और सुंदर कपड़े पहनकर मानसून का स्वागत करते थे। आज भी वहां मानसून आने से पहले बुलेटिन जारी किया जाता है। लगभग हर सरकारी विभाग भी इससे जुड़ा होता है।
नार्थ ईस्ट में हिल-मानसून
अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि वह जून में हिल पर ठंडक और मानसून के पफुहारों का मजा साथ ले तो उसको नार्थ ईस्ट जाना चाहिए। जून के पहले सप्ताह में वहां पर भी मानसून आ जाता है। अगर कोई व्यक्ति समुद्री क्षेत्रों में घूमना चाहता है तो उसके लिए गोवा अभी सबसे अच्छा है। वहां सस्ते होटल्स मिलेंगे। बारिश के चलते वहां सबकुछ धुला-धुला साफ-साफ दिखेगा लेकिन बरसात के कारण शाक्स यानी नारियल के पत्तों और छप्पर के बने अस्थाईं टेंट अभी देखने को कम ही मिलेंगे जो गोवा को दर्शाते हैं। वहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।