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Agency | Sep 14, 2023 | Health and Fitness
STRESS कम करना चाहते हैं तो...
दोपहर में झपकी लेना दुनियाभर में सदियों से चला आ रहा एक रिवाज है। कुछ लोग इसे विलासिता भोग के रूप में देखते हैं जबकि अन्य इसे मुस्तैद तथा तंदरुस्त बने रहने के तरीके के रूप में देखते हैं। लेकिन झपकी के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हो सकते हैं।
सिर, मुख और नाक से जुड़ी समस्याओं के विशेषज्ञ के तौर पर मैंने निद्रा विकार संबंधी चिकित्सा की गहनता से पढ़ाई की और इस पर अध्ययन किया कि नींद कैसे स्वास्थ्य पर असर डालती है। प्रशिक्षण में नींद के सभी पहलू शामिल थे, खासतौर से सोते वक्त सांस लेने में दिक्कत और नींद से जुड़े गतितशीलता संबंधी विकार। वैसे मैं झपकी लेने की जटिल प्रवृति के साथ साथ इस बात से अवगत हूं कि क्यों दोपहर के वक्त 20 से 30 मिनट की झपकी असंख्य तरीके से फायदेमंद हो सकती है।
कई स्वास्थ्य लाभ अनुसंधान से पता चलता है कि झपकी के कई फायदे हैं। छोटी-सी झपकी से मानसिक स्वास्थ्य और याददाश्त के साथ ही मुस्तैदी, ध्यान और प्रतिक्रिया देने के समय में भी सुधार आता है।
इसका संबंध उत्पादकता और रचनात्मकता से भी है। चू़ंकि झपकी से रचनात्मक सोच में सुधार आता दिखायी देता है इसलिए कुछ कंपनियों के अपने कार्य स्थल पर झपकी लेने के लिए कमरे बनाकर इसका फायदा उठाने का प्रयास किया है।
ऐसा कहा जाता है कि मस्तिष्क झपकी के वक्त का इस्तेमाल दिनभर में एकत्रित सूचना को संसाधित करने के लिए करता है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि समस्याओं को हल करने की क्षमता बढ़ती है। एक छोटे-से अध्ययन से यह पता चलता है कि जो लोग झपकी लेते है वे कम चिड़चिड़े होते हैं तथा उन्हें कम गुस्सा आता है जिससे काम करते वक्त बेहतर फोकस बनता है और दक्षता बढ़ती है।
झपकी से तनाव भी कम हो सकता है
एक अध्ययन से पता चलता है कि करीब 20 मिनट की झपकी से इसमें भाग लेने वाले लोगों के मूड में सुधर आया। छोटी-सी झपकी से हृदय संबंधी बीमारीयों का खतरा भी जुड़ा है। अगर हम जरूरत से अधिक जागते हैं तो हमारे शरीर में ‘‘फाइट या फ्लाइट’’ रसायनों का संचय हो जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि उचित नींद से इन रसायनों को कम करने में मदद मिलती है जिससे रक्त चाप और हृदय गति सामान्य होती है। कुछ लोगों को झपकी से इस प्रकिया में मदद मिलती है।
झपकी के नुकसान भी हो सकते हैं
तीस मिनट से अधिक की झपकी नींद की जड़ता (स्लीप इनर्शिया) भी हो सकती है जिससे नींद से जागने के बाद भी मनोदशा ठीक नहीं रहती है।
आमतौर पर जितनी लंबी झपकी होगी, उतना ही नींद की जड़ता पर काबू पाना मुश्किल होगा। इससे आधे घंटे तक संज्ञानात्मक हानि हो सकती है। कई मामलों में नींद के तुरंत बाद कैफीन कर सेवन कर इस असर को कम किया जा सकता है।
लंबे समय या दोपहर को देर तक सोने से रात की नींद में भी खलल पड़ता है। सोने-जागने के नियमित चक्र में इस बाधं से नींद की कमी पैदा हो सकती है जिसके स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक असर हो सकते हैं।साथ ही 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोगों के लिए 30 मिनट से ज्यादा की झपकी लेने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
अतः जोखिम कम करते हुए अधिकतम लाभ लेने की कुछ सलाह इस प्रकार हैं
स्लीप इनर्शिप से बचने के लिए थोडे़ समय की झपकी लें। दोपहर के शुरूआत में ही झपकी लें जैसे कि दोपहर के भोजन के बाद। दोपहर के समय में झपकी लेने से बचें, रात को सोने से कम से कम चार से छह घंटे पहले झपकी लें और शांत, आरामदेह और हल्की रोशनी वाले वातावरण में झपकी लें।