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Agency | Aug 12, 2023 | Automobile News
अब नट-बोल्ट भी आएंगे क्वालिटी स्टैंडर्ड्स के दायरे में
सरकार ने कहा कि उसने नट, बोल्ट और ‘फ़ास्टनर ’ के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पेश किये हैं। इस पहल का मकसद खराब क्वालिटी वाले उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाना और घरेलू स्तर पर इनके विनिर्माण को बढ़ावा देना है।उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 21 जुलाई को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना में कहा गया है कि नट, बोल्ट और फ़ास्टनर (क्वालिटी, कंट्रोल) आदेश, 2023 के तहत इन वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान न हो। बीआईएस अधिनियम , 2016 के अनुसार गैर-बीआईएस प्रमाणित उत्पादों का विनिर्माण, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है।
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के प्रावधन का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
दूसरे और उसके बाद के अपराध के मामले में जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये और माल या वस्तुओं के मूल्य का 10 गुना तक हो सकता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद लागू होगा। क्वालिटी नियंत्राण आदेश का उद्देश्य भारत में क्वालिटी परिवेश को मजबूत करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना है।’’
इसमें कहा गया है कि घरेलू सूक्ष्म और लघु उद्योगों को समर्थन देने के लिये क्वालिटी आदेश को लागू करने की समयसीमा को लेकर छूट दी गई है। इसका मकसद नियमों के सुचारू क्रियान्वयन के साथ छोटे उद्यमों के हितों की रक्षा करना है। इसके अलावा कारोबार सुगमता को ध्यान में रखते हुए निर्यात के लिये घरेलू स्तर पर विनिर्मित वस्तुओं, तैयार माल या असेंबली से जुड़े कार्यों के लिये आयात को लेकर छूट दी गयी है।