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Agency | Jun 12, 2021 | Health and Fitness
फेफड़ों की मजबूती है जरूरी
कोविड के हमले ने हमें श्वास के प्रति बहुत सजग किया है। जाहिर है कि फेफड़ों और सांसों का अतिरिक्त रूप से ख्याल रखना अब बेहद जरूरी हुआ है। इसलिए हम कुछ आसान व्यायाम लेकर आए है, जो फेफड़ों को मजबूती प्रदान करेंगे।
ताड़ासन
कोविड की दूसरी लहर बहुत बड़ी चुनौतियां साथ लेकर आई है। संक्रमण की गंभीरता की चपेट में आने पर बहुत बड़ी संख्या में रेस्पिरेटरी पफेलियर से या कहें फेफड़ों के खराब हो जाने के कारण अवांछनीय परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस समय सभी लोग घरों में हैं और ऐसे में फेफड़ों से जुड़े व्यायाम करना और उन्हें मजबूत करना और भी आसान है, लेकिन जरूरी है कि इन्हें चरणबद्ध तरीके से जाना जाए और किया जाए।
उज्जायी प्राणायाम
पालथी मारकर बैठें और दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें। अब तेज गति से सांस अंदर की ओर खीचें और फिर तेजी से छोड़ें। ऐसा दिन में दस बार करें। कुछ समय बाद जब अनुभवी हो जाएं तो सांस अंदर भरकर दो से तीन सेकंड तक रोक सकते हैं, और बाहर छोड़ेने पर भी दो सेकंड तक रुक सकते है।
हस्त उत्तानासन
सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को भी सीधे रखें। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सांस अंदर की ओर खीचें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को पुनः पहले वाली स्थिति में ले आएं। इस आसन को करते समय जब हाथ उठाएं, तब पीछे हल्का-सा झुकना है। इसे दिन में तीन बार करें और कुछ समय बाद सुविधनुसार आठ से दस बार कर सकते हैं।
शीतली प्राणायाम
ध्यान की अवस्था में बैठ जाएं। अब अपनी दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें। आराम से बैठ जाने के बाद जीभ बाहर निकालकर दोनों सिरों को अंदर की तरपफ घुमाएं। अब ये एक प्रकार के ट्यूब के आकार जैसा दिखेगा। इस ट्यूब से होते हुए यानी कि मुंह से धीरे-धीरे सांसे भरें और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें। इस प्रक्रिया को रोजाना दस बार करें। इसे करने के लिए अभ्यास की जरूरत होगी।
माइंडफुल ब्रीदिंग
1. किसी एक स्थान पर आराम से बैठ जाएं और खुद से सकारात्मक संवाद स्थापित करने की कोशिश करें। अपने आप से कहें कि आप स्वस्थ रहेंगे। इसके लिए मेडिटेशन म्यूजिक की भी मदद ली जा सकती है।
2. कोशिश करें दिमाग में किसी तरह के भविष्य या बीते समय के विचार न घूमें।
3. अपनी सांसो पर ध्यान केन्द्रित करें। ध्यान बनाए रखने के लिए किसी एक सकारात्मक शब्द या ॐ के धीमे -धीमे उच्चारण की भी मदद ले सकते हैं।
4. खामोशी से धीरे-धीरे सांस भरें और छोड़ें।
5. यदि ध्यान डगमगाने लगे तो पुनः गहरी सांस के साथ बिना विचलित हुए वर्तमान में अपना ध्यान ले आएं।
पूरी प्रक्रिया के दौरान विचारों से संघर्ष करने के बजाय उन्हें आराम से आने जाने दें और सांसों की लय के साथ ध्यान केन्द्रित रखने की कोशिश करें।
नोटः- ध्यान रखें कि इन्हें जरूरत से ज्यादा या अपनी क्षमताओं से पार जाकर न करें। यदि इन्हें करते वक्त सांस में किसी तरह की तकलीफ या अतिरिक्त खिंचाव या दबाव महसूस हो तो इन्हें न करें। किसी प्रकार की बीमारी या तकलीफ है पहले किसी विशेषज्ञ से प्रशिक्षण ले फिर इन्हें करें।