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Avnish Jain | Nov 20, 2021 | Editorial
आर्थिक मोर्चे पर खुशनुमा संकेत, त्यौहारी सीजन के दौरान
भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार
इन दिनों भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर व्यक्त किए जा रहे अनुमान बहुत शानदार तस्वीर दिखा रहे हैं। उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआइ ने हाल में कहा कि टीकाकरण में तेजी और त्यौहारी सीजन के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा भारी खरीदारी से भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी, बाजार में बढ़ी मांग, विनिर्माण में तेजी और सेवा क्षेत्रा में सुधार से बढ़ी कारोबारी गतिविधियाँ आर्थिक मोर्चे पर सुधर के प्रत्यक्ष संकेत हैं। साथ ही अनुमान से बेहतर जीएसटी संग्रह, बिजली खपत और माल ढुलाई में उछाल से स्पष्ट है कि आर्थिक दशा-दिशा समय के साथ और बेहतर हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रा में भी तेज मांग से बाजार चमक रहे हैं। पिछले साल जो दीपावली फीकी थी, वही इस साल खरीदारी की उमंग से सराबोर रही। अर्थव्यवस्था में नई जान आने से बेहतर आर्थिक परिदृश्य उभर रहा है, वहीं इस विकास से आम लोगों को भी अधिक लाभ मिलने की आस जगी है। यानी समावेशी विकास का विचार साकार रूप लेता दिख रहा है।
इस समय दुनिया भर के निवेशकों का दुलार भारतीय बाजारों पर बरस रहा है। उसके दम पर देसी शेयर बाजार अपने शिखर पर है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआइ भी रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत इस समय दुनिया में चैथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला देश बन गया है। मोदी सरकार द्वारा बीते कुछ अर्से से उद्योगों की राह आसान करने के लिए उठाए गए कदम भी एपफडीआइ में आई तेजी का एक महत्वपूर्ण कारण हैं। देश में बढ़ती डिजिटल पैठ को देखते हुए दुनिया की दिग्गज कंपनियां उससे जुड़े अवसरों को भुनाने की योजना पर काम कर रही हैं।
ग्रामीण बाजार में सुधार के साथ ही वहां रोजगार की बेहतर होती स्थिति भी सुकून देने वाली है। ग्रामीण उपभोक्ता सूचकांक भी ऊंचाई छू रहा है। अनियमित मानसून और बोआई में कुछ देरी के बावजूद खरीपफ पफसलों के बेहतर उत्पादन की उम्मीद से धरणा बेहतर बनी है। कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ खरीद प्रक्रिया में सुधर किया गया है ताकि किसानों को उसका अध्किाध्कि लाभ मिले। कृषि उत्पादों के निर्यात में भी उत्तरोत्तर बढ़ोतरी का उत्साहजनक रुझान बना हुआ है।
देश में एक से बाद एक शुरू किए गए डिजिटल मिशन आम आदमी और अर्थव्यवस्था की शक्ति बनते जा रहे हैं। 26 अक्टूबर को 64,000 करोड़ रुपये निवेश योजना वाला आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन देश के करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की खुशहाली का आधार बन सकता है। 21 अक्टूबर को भारत में कोरोना टीकाकरण की 100 करोड़ डोज लगने का आंकड़ा टीकाकरण की ऐतिहासिक सफलता को दर्शाता है। ऐसे में हमें अब यही उम्मीद करनी चाहिए कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को और बेहतर एवं मजबूत बनाने के लिए जहां जिंसों की ऊँची कीमतों और कच्चे माल की कमी के मुद्दों से रणनीतिक रूप से निपटेगी। वहीं वर्ष 2021 में घोषित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के कारगर क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ेगी। साथ ही वंचित वर्ग के करोड़ों लोगों को महंगाई से बचाने तथा समावेशी विकास की योजनाओं से और अध्कि लाभान्वित करने की डगर पर भी सरकार और मजबूती से आगे बढ़ेगी। इससे ही समावेशी विकास सुनिश्चित हो सकेगा।