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Agency | Nov 29, 2021 | Health and Fitness
दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए रोज़ खाएं सेब
उम्र के साथ याददाश्त भी कमजोर होने लगती है। छोटी-छोटी चीजेे भी याद नहीं रहने पर रोजमर्रा के कामों में भी परेशानी होने लगती हैं। लेकिन यदि शुरुआत से ही पौष्टिक और संतुलित आहार का प्रयोग किया जाए तो इस समस्या को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही फूड्स और ओषधीयों के बारे में जो याद्दाश्त बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं-
सेब
सेब में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट्स मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इस तरह सेब के प्रयोग से बोद्धिक क्षमता में गिरावट नहीं आती है। पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए नियमित सेब का प्रयोग करें ।
ब्रह्मी
याद्दाश्त बढ़ाने और बोद्धिक क्षमता में सुधर लाने के लिए ब्रह्मी को बहुत लाभकारी ओषधी माना गया है। ब्रह्मी में पाए जाने वाले बायोएक्टिव तत्व मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधर लाते हैं। नियमित कितनी मात्रा में ब्रह्मी का प्रयोग किया जा सकता है इसके लिए अपने आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा है मखाना
यदि डायबिटीज के मरीज नियमित कुछ मात्रा में रोस्ट किए हुए मखानों का प्रयोग करें तो इससे ब्लड शुगर को नियमित रखने में मदद मिलेगी। साथ ही मखाने हड्डियों और जोड़ों संबंधी समस्या से भी निजात दिलाएंगे। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करेगा। तनाव को कम करने के लिए भी मखाने का प्रयोग किया जा सकता है। रात में दूध् के साथ मखाने खाने से लाभ मिलेगा। गर्भावस्था में मखाने के प्रयोग से शारीरिक कमजोरी को दूर किया जा सकता है।
बादाम और अखरोट
अल्जाइमर और मस्तिष्क संबंधी रोगों को दूर करने में बादाम को उपयोगी माना गया है। असल में बादाम में प्रोटीन, मैगनीज, काॅपर और राइबोफ्रलेविन होता है, जो अल्जाइमर के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसी तरह अखरोट मस्तिष्क की प्रक्रिया को मजबूत बनाता है।
पालक
मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर पालक याद्दाश्त बढ़ाने के साथ ही सीखने की क्षमता को भी बढ़ाता है। पालक में विटामिन बी 6, विटामिन ई और फोलेट की मात्रा अच्छी होती है। ये न्यूट्रिएंट मेमोरी लाॅस और अल्जाइमर की आशंका को कम करते हैं।
सूरजमुखी के बीज
एकाग्रता और स्मरण की शक्ति को बढ़ाने के लिए सूरजमुखी के बीजों का प्रयोग किया जा सकता है। इन बीजों का प्रयोग मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। यदि नियमित थोड़ी मात्रा में रोस्ट किए हुए सूरजमुखी के बीजों का प्रयोग किया जाए तो इससे मानिसक स्वास्थ्य के लाभ देखे जा सकते हैं।