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Agency | Aug 20, 2022 | Health and Fitness
उम्र के साथ नहीं बढ़ने दें बीपी और कोलेस्ट्राॅल
बीमारी से आजादी पाने के लिए
दुनिया को डिजीज फ्री करना या बीमारियों से आजादी दिलाना बहुत ही मुश्किल है। क्योंकि आज तक बड़े स्तर पर ना इसके बारे में सोचा गया है, ना ही इसे लेकर प्रयास किए गए हैं। अगर हम कोशिश शुरू कर दें तो कुछ हद तक इसमें सफलता मिल सकती है। सफलता पाने के लिए बीमारियों को कैटिगराज्ड करना जरूरी है। सबसे पहले संक्रमण से होने वाली बीमारियों निमोनिया, टीबी और वायरल को खत्म किया जाए। अवेरयनेस के जरिए इनसे आजादी मिल सकती है। उदाहरण के लिए अफ्रीका के कई देशों में अभी भी यह मालूम नहीं कि गंदा पानी पीने से बीमारी होती है। इसके बारे में लोगों को अवेयर किया जाए। ताकि गंदा पानी पीने से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। इसी तरह कोरोना ने मास्क पहनना सिखा दिया। आमजन को अवेयर कर दिया। मास्क लगाकर और आइसोलेट रहकर बीमार को फैलने से रोका जा सकता है। इसलिए कोरोना ही नहीं, अगर घर में किसी को भी संक्रमित बीमारी होती है तो फैमिली में खुद को आइसोलेट कर लें ताकि दूसरों में संक्रमण नहीं फैल पाए। हवा में वायरस नहीं फैले इसके लिए घर के साथ-साथ बाहर की सपफाई भी रखें।
बच्चों में मोटापा खत्न करने के लिए स्कूली स्तर पर जागरुकता लाएं, मोहल्ला क्लिनिक शुरू करें
दुनियाभर में लाइफस्टाल डिजीज जैसे ओबेसिटी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज बढ़ रही हैं। इनमें ओबेसिटी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। अभी तक विकसित देशों तक सीमित यह बीमारी विकासशील देशों में आ रही है। हिंदुस्तान के स्कूली बच्चों पर हुई स्टडीज में यह पाया गया, इनमे 12 प्रतिशत से ज्यादा में मोटापा बढ़ गया है। इस वजह से उनमें कम उम्र में हाइपरटेंशन, डायबिटीज और दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ा है। मोटापे को खत्म कर इससे आजादी पाने के लिए स्कूल स्तर और मोहल्ला क्लिनिक से शुरुआत करें। हिंदुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी डायबिटीज को खत्म करने के लिए जो उठाए जा रहे हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।
उम्र के साथ बीपी बढ़ता है, यह गलत भ्रांति, इसे नाॅर्मल रखें
उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ता है। अक्सर लोगों की यह धारणा बन चुकी है। यह गलत सोच है। उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर सामान्य रहना चाहिए। बीपी बढ़ने के कारण ब्रेन और हार्ट की बीमारियां हो सकती हैं। एक बार बीपी की दवाइयां शुरू करने पर उम्रभर लेनी पड़ेंगी या डोज बढ़ जाएगी। यह भी सिर्फ एक भ्रांति है। दवाइयों के साथ कम तला खाना, कम मात्रा में नमक लिया जाए। साथ ही दवाई प्राॅपर ली जाएं। इसे दवा की डोज बढ़ने से रोका जा सकता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा।
यंगस्टर्स भी साल में एक बार कोलेस्ट्राॅल टेस्ट करवाएं
दिल की नसों में ब्लाॅकेज आना एक बड़ी और साधरण बीमारी बन चुकी है। इसे भी लाइफस्टाइल में सुधर करके हार्ट डिजीज को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। कोशिश करें, परिवार में किसी को भी दिल की बीमार नहीं हो पाए। यंग एज में कुछ भी खा सकते हैं। यह सोच नहीं रखें। कुछ भी खाने से दिल की बीमारी होने के चांस बढ़ते हैं। जिनके परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, वे यंग एज में कोलेस्ट्राॅल चेक करवाएं।