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Agency | Sep 30, 2021 | Automobile News
इलेक्ट्रिक कारों पर किस तरह फोकस कर रही हैं कंपनियां!
बड़ी ऑटो कम्पनियों ऐसे संकेत दे रही हैं कि 2030 तक वे इंटरनर कम्बसशन इंजन को स्क्रेप करने या उनका प्रॉडक्शन कम करने के मूड में हैं क्योंकि उनका झुकाव अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर बढ़ रहा है। मर्सडीज बेंज और स्मार्ट कार बनाने वाले जर्मन समूह डैमलर ने हाल ही कहा कि वह यूरोपीय कमीशन द्वारा निर्धरित डैडलाइन से पांच साल पहले ही 2030 तक पूर्ण रूप से इलैक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कम्पनी बन जाएगी।
ये हैं कार कम्पनियों के प्लान
डेमलर
40 बिलियन यूरो (47 बिलियन अमरीकी डॉलर) का निवेश कर इस दशक के अंत तक सारी कारों को इलेक्ट्रिक बनाने का प्लान। 2025 से सारी मर्सडीज कारों का आर्किटैक्चर सौ प्रतिशत इलेक्ट्रिक हो जाएगा, जिसमें चैसिस, मोटर और व्हील्स शामिल हैं। डैल्मर का आठ पफैक्ट्रियां लगाने का भी प्लान है जो बैटरी बनाएगी।
स्टैलेन्टिस
फिएट, क्राइसलर, जीप और प्यूज्योट बनाने वाली स्टैलेन्टिस इंटरनल कम्बन्सशन इंजिन कारों को छोड़ 2025 तक अपनी कारों को छोड़ 2025 तक अपनी कारों के सारे मॉडल इलैक्ट्रिक बना देगी। इसके लिए कम्पनी 30 बिलियन यूरो इन्वैस्ट करेगी।
ओपेल
ओपेल का कहना है कि वह यूरोप में 2028 तक सौ फीसदी इलैक्ट्रिक हो जाएगी। 2025 से 2030 तक फिएट भी। अमरीका में इस गुप का 2024 तक इलैक्ट्रिक मसल कार बाजार में उतारने का प्लान है। साथ ही इसके पॉपुलर पिकअप मॉडल 1500 का भी इलैक्ट्रिक मॉडल लॉन्च होगा।
वोक्सवैगन
जर्मन कम्पनी इलैक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बनना चाहती है। 2020 में लांच हुआ इसका आईडी 3 मॉडल यूरोप के इलैक्ट्रिक मार्केट में टैस्ला को टक्कर दे रहा है। वोक्सवैगन 2030 तक आधी और 2040 तक पूरी बिक्री इलैक्ट्रिक व्हीकल की करने लगेगी। यह 73 बिलियन यूरो इन्वैस्ट करेगी और टैस्ला की ही तरह व्हीकल चार्जिंग का ग्लोबल नेटवर्क तैयार करेगी। वोक्सवैगन की ऑडी 2030 तक पूरी तरह इलैक्ट्रिक अवतार में सामने होगी। लैम्बरगिनी ने कहा है कि इसकी सारी स्पोर्ट्स कारें 2024 तक हाइब्रिड कारें होंगी।
वोल्वो
चीनी ग्रुप गीलि की वोल्वो भी अब 2030 तक बाजार में अपने सारे व्हीकल इलैक्ट्रिक ही उतारने की तैयारी में है। यूरोप में बेंटले व फोर्ड भी अब तक अपने व्हीकल को इलैक्ट्रिक अवतार देने की तैयारी में हैं। वोल्वो प्रमुख हकान सैमुअलसन ने कहा कि 2025 तक कम्पनी की आधी कारे इलैक्ट्रिक हो जाएंगे।
जगुआर और लैंड रोवर
ये इंडियन कम्पनी टाटा के ब्रांड हैं। कम्पनी अपने सालाना इन्वैस्टमेंट बजट 2.5 बिलियन (2.8 बिलियन यूरो या 3.3 बिलियन डालर) का एक बढ़ा हिस्सा इलैक्ट्रिक कारें बनाने पर खर्च करेगी। 2025 तक जगुआर का सम्पूर्ण इलैक्ट्रिक अवतार बाजार में होगा।
रैनो
फ्रेंच ग्रुप रैनो ने सबसे पहला इलैक्ट्रिक व्हीकल जोन बाजार में उतारा था। इसके 65 प्रतिशत से ज्यादा व्हीकल 2025 तक इलैक्ट्रिक हो जाएंगे। इसके क्लासिक मॉडल रैनो 5 सहित 10 इलैक्ट्रिक मॉडल भी 2025 तक बाजार में आ जाएंगे।
बीएमडब्ल्यू
जर्मन लग्जरी ब्रांड अगले दस साल में दस मिलियन फुली इलैक्ट्रिक व्हीकल बाजार में लाने की तैयारी में है जबकि कम्पनी का पहले मात्रा 4 मिलियन इलैक्ट्रिक व्हीकल बनाने का लक्ष्य था। बीएमडब्ल्यू आई 3 मॉडल की बिक्री पहले ही कर रही है लेकिन टेस्ला की उपस्थिति से इसके बाजार पर असर पड़ा है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप की मिनी लाइन इस साल में पूरी तरह इलैक्ट्रिक हो जाएगी।
जीएम (जनरल मोटर्स)
अमरीकी कम्पनी जीएम ने कहा है कि वह 2035 से ऐसी कारें नहीं बेचेगी जो प्रदूषण फैलाती हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि कम्पनी का आशय यह था कि वह सारे व्हीकल अब इलैक्ट्रिक ही बनाएगी।
टोयोटा
विश्व की सबसे बड़ी ऑटोमेकर कम्पनी टोयोटा हाइब्रिड कारों की जनक है। यह 2025 तक सात फुली इलैक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च करने वाली है। कम्पनी को उम्मीद है कि तब तक यूरोपीय बाजार में इलैक्ट्रिक अथवा हाइब्रिड व्हीकल का राज होगा। इनमें 70 फीसदी हाइब्रिड, 10 फीसदी रीचार्जेबल हाइब्रिड व 10 फीसदी पेट्रोल कारें होंगी।
हुंडई-किया
हुंडई 2025 तक 23 इलैक्ट्रिक व्हीकल मॉडल बाजार में उतारेगी और उम्मीद है कि एक मिलियन से अधिक की बिक्री हो जाएगी। किया ने 2026 तक 7 इलैक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च करने की बात कही है और उम्मीद जताई है कि कुल बिक्री का 20 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं के नाम होगा।