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Agency | Apr 13, 2021 | Health and Fitness
कोरोना काल में जूझ रहे हैं कैंसर के मरीज
इस साल जब हम विश्व स्वास्थ्य दिवस मना रहे है, तो हम सभी महामारी के बीच जीने को मजबूर है। सबसे पहले तो हमें अपने सभी स्वास्थ्य कर्मियों का आभार व्यक्त करना चाहिए क्योंकि वे हमारी सुरक्षा के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। महामारी ने कैंसर के इलाज को बुरी तरह से प्रभावित किया है। शायद हम महामारी की वजह से कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा नहीं लगा पाएंगे। भारत में महामारी की वजह से 50 से 80ः लोगो ने अपने कैंसर के इलाज में देरी का अनुभव किया है। कोविड के दौरान कैंसर के पुराने मरीज चेकअप के लिए नहीं जा पाए, जिसकी वहज से उनमे कई रिकरेंस के मामले देखने को मिले है। हालांकि नाॅर्मल जीवन में वापस आ रहे हैं। अब कई हैल्थकेयर सेंटर मरीजों को अपनी रूटीन चेकअप कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व स्वास्थ्य संगठन (हलड) के प्रायोजन के तहत हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है। इस दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर कोई, हर जगह अच्छे स्वास्थ्य के अधिकार का एहसास करें। इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस खास है, क्योंकि हम सभी को कोरोना वायरस महामारी से लड़ते हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस जानलेवा बीमारी की भले ही वैक्सीन आ गई हो, लेकिन फिर भी कई देश कोविड-19 की दूसरी और खतरनाक लहर से जूझ रहे हैं। कोरोना के इस काल में दूसरी बीमारी से जूझ रहे लोग भी प्रभावित हुए है क्योंकि इस वक्त अस्पताल जाना सुरक्षित नहीं है।
वैक्सीन लगने के बाद लापरवाही न करें
इस महामारी से वैश्विक स्तर पर 0.13 विलियन लोग प्रभावित हुए हैं। महामारी ने हमें बताया है कि क्यों स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज है। कई लोगों का मानना है कि महामारी वैक्सीन के आने के बाद खत्म हो जाएगी लेकिन सच ये है कि महामारी इतनी आसानी से खत्म नहीं होगी। दिशानिर्देशों का पालन करने में लापरवाही बरतने से कोरोना वायरस फिर फैल सकता है। इसलिए वैक्सीन लगने के बावजूद सभी गाइडलाइन्स का पालन करना बेहद जरूरी है।
हेल्थ केयर इंडस्ट्री का दोगुना भार
कोरोना से हेल्थकेयर इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। ये वायरस इस तेजी से फैला कि इसने अपनी चपेट में कई डाॅक्टर्स और नर्सो को भी ले लिया, जो मरीजो का इलाज कर रहे थे। अब एक साल बाद भी भार दुगुना हो गया है। ‘‘पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ा। इस साल भी यह भार दुगुना होगा क्योंकि इस साल रूटीन केसेज और रूटीन सर्जरी भी हो रही है और कोविड इंफेक्शन की दूसरी लहर भी कहर बरपा रही है। इसलिए हर तरह के मरीजों का इलाज करना बहुत ही मुश्किल होगा। अगर इसी तरह से केसेज बढ़ते रहे, तो यह हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत ही मुश्किल होगा क्योंकि यह पिछले साल से ही काफी बोझ से दबा हुआ है।’’