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Agency | Dec 17, 2021 | Automobile News
ओमीक्रॉन के असर से निपटने में जुटी ऑटो इलेक्ट्रानिक्स कंपनियां
सप्लाइ की दिक्कत ,माल भाड़ा बढ़ने की आशंका से कर रहे उपाय
कोरोना की पहली दो लहरों के दौरान नुकसान उठाने वाली ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिाॅनिक कंपनियां कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्राॅन की आमद के साथ ही संभावित दिक्कतों से निपटने की तैयारी में जुटी हैं। कई कंपनियों ने कच्चे और तैयार माल का स्टाॅक बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सप्लाई की दिक्कत से निपटने के लिए 1-2 महीने की जरूरतों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर भी दिए जा रहे हैं।
भारत में इलेक्ट्राॅनिक्स गुड्स और ऑटो कंपनियों के लिए कई छोटे-बड़े कंपोनेट्स का आयात चीन, ताइवान, हाॅन्गकांन्ग और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से होता है। कई कंपिनयां तैयार माल भी इन देशों से आयात करती हैं। कंपनियों को डर है कि पिछले बार की तरह वायरस का संक्रमण बढ़ने पर ये देश अचानक बंदरगाह, एयरपोर्ट और कारखानों को बंद कर सकते हैं। इसकी वजह से इंडस्ट्री के प्रबंध्न में दिक्कत आ सकती है। कंपोनेंट की किल्लत से पहले ही देश की प्रमुख ऑमोबाइल कंपनियों का प्रोडक्शन 15-20 प्रतिशत घट गया है। देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनी टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पिछले अनुभवों से सबक लेकर सक्रिय रूप से सप्लायर्स को जोड़ रहे हैं। इसके अलावा चुनिंदा पुर्जों की इन्वेंटरी भी बढ़ाई जा रही है। जहां तक देश की सबसे बड़ी कार कम्पनी मारुति सुजुकी की बात है, यह फिलहाल वेट एंड वांच की स्थिति में है।’
फक्की ने केंद्र से सोच-समझकर कदम उठाने के लिए कहा
भारतीय उद्योग जगत की प्रतिनिधि संस्था फिक्की ने सरकार से कहा है कि वह ओमिक्रान वैरिएंट की दहशत में बगैर-सोचे समझे कोई कदम न उठाए। फिक्की के मुताबिक, जल्दबाजी में उठाए गए किसी भी कदम से दहशत का माहौल बनेगा। कोविड-महामारी की पहली दो लहरों के बीच लाॅकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों को काफी नुकसान हुआ था।
कोई चांस नहीं लेना चाहते
‘गोदरेज अप्लायंसेज इन्वेंटरी लेवल एक माह की जगह दो माह करेगी। ओमिक्राॅन की वजह से शिपिंग चार्ज और बढ़ेंगे। इसके अलावा सप्लाई भी बाधित होने की आशंका है। इसके चलते हम कोई चांस नहीं लेना चाहते।
- कमल नंदी, वाइस प्रेसिडेंट,
गोदरेज एंड बाॅयस