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Auto Desk | Jul 29, 2021 | Automobile News
रिकवरी की उम्मीद में नए माॅडल लांच करने में जुटी ऑटो कंपनियां
मारुति सुजुकी लि. महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लि., स्कोडा ऑटो फॅाक्सवैगन इंडिया उन कार कंपनियों में शामिल हैं, जो इस वर्ष नए माॅडल मार्केट में लाने वाली है। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही कंज्यूमर सेंटिमेंट बहाल होगा और फाइनेंशियर इयर के सेकंड हाफ में रिकवरी की स्थिति बनेगी।
मारुति सुजुकी अपनी लोकप्रिय हैचबैक कारॉसेलेरियो,ऑल्टो, स्विफ्रट और बेलेनो के फुल-माॅडल चेंज इस वर्ष मार्केट में लांच कर सकती है। इस वर्ष कम्पनी एक कांपैक्ट स्पोर्ट्स-यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) माॅडल भी मार्केट में उतार सकती है। दूसरी बड़ी कार कम्पनी हुंदै मोटर ने अपनी 6 व 7 सीटर प्रीमियम एसयूवी अल्काजार की बिक्री की है। उसका लक्ष्य टाटा मोटर्स व एमजी मोटर इंडिया सहित अन्य कंपनियों की ओर से बढ़ते कंपीटिशन के बीच अपना मार्केट शेयर बढ़ाना है।
मुंबई-बेस्ड टाटा मोटर्स अपने एसयूवी पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए अगले कुछ ही महीनों में छोटी एसयूवी हाॅर्नबिल लांच कर सकती है। कभी देश की सबसे बड़ी एसयूवी मेकर कम्पनी रही महिन्द्रा एंड महिन्द्रा 2 नई एसयूवी लांच करने की तैयारी कर रही है, जिनमें एक्सयूवी700 और स्कोरपिओ का फुल माॅडल चेंज शामिल हैं। वह अपने खो चुके मार्केट शेयर को फिर से हासिल करना चाहती है। एमजी मोटर इंडिया दिसंबर क्वार्टर में अपना पहला मास-मार्केट एसयूवी माॅडल लाने की तैयारी कर रही है। कम्पनी 2019 में भारत में प्रवेश करने के बाद 4 एसयूवी माॅडल इंट्रोडयूस कर चुकी है।इसके अलावा स्कोडा ऑटो फाॅक्सवैगन इंडिया ने 28 जून को मिड-साइज्ड एसयूवी कुशल लांच की है। इसके बाद इसी वर्ष फोक्सवैगन ताईगुन एसयूवी लांच की जाएगी।
आईएचएस मार्केट के डायरेक्टर पुनीत गुप्ता ने कहा कि महामारी के बाद लगातार कई नए माॅडल लांच से मार्केट में हलचल पैदा होगी। इससे डीलर्स और उनकी सेल्स टीम का उत्साह भी बढ़ेगा। दूसरी लहर के बाद कंज्यूमर सेंटिमेंट औंधे मुंह गिर गया है। नए लांच से आने वाले महीनों में चहल-पहल बढ़ेगी और इंक्वायरी का सिलसिला बढ़ेगा। कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अप्रैल के दूसरे पखवाडे से ऑटो सेल्स ठप हो गई थी। ऑटो कंपनियों के लिहाज से सेल्स बढ़ाने के लिए नई लांचिंग सबसे सुरक्षित तरीका है। यही कारण है कि इस वर्ष भी ज्यादातर कंपनियां सेल्स सुधरने के लिए नए प्रोडक्ट्स लाने की योजना बना रही हैं। पिछले फाइनेंशियल इयर में अगस्त से मार्च तक ऑटो कंपनियों को रिकवरी की संभावना दिखने लगी थी, जब पहली लहर के कारण लाॅकडाउन के बाद पिफर से कारोबार शुरू हुआ था। उस समय पर्सनल मोबिलिटी की डिमांड बढ़ गई थी और इकोनाॅमिक एक्टिविटी में पहले से ज्यादा सुधर दिखने लगा था। खास तौर से एसयूवी सेगमेंट में नए व्हीकल ज्यादा लांच हुए, जैसे हुंदै की सेकंड-जनरेशन क्रेटा, किया इंडिया की सोनेट, रेनो की काइगर, निसान की मेग्नाइट और एमजी मोटर की ग्लोस्टर व हेक्टर प्लस। इनके कारण भी सेल्स बढ़ी।
कुछ कंपनियों ने अक्टूबर-दिसम्बर के फेस्टिव पीरियड के दौरान डबल-डिजिट, मार्केटिंग, सेल्स एंड सर्विस तरुण गर्ग के अनुसार यदि प्रोडक्ट अच्छे और उम्मीदों पर खरे उतरने वाले हों तो कस्टमर मार्केट की स्थिति की चिंता किए बगैर उसे खरीदते हैं। दरअसल अच्छा प्रोडक्ट लांच होने से सिपर्फ कम्पनी को ही फायदा नहीं होता, बल्कि पूरे मार्केट में उत्साह बढ़ता है। अप्रैल के पहले हफ्रते में ऑटो इंडस्ट्री दबाव में आ गई थी, जब महाराष्ट्र ने सख्त पाबंदियां लगाना शुरू किया था। इसके बाद दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक तमिलनाडु और अन्य राज्यों ने भी उसका अनुकरण किया। इस वजह से मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकाॅर्प लि., हुंदै और अन्य कंपनियों ने प्रोडक्शन रोक दिया था या कम कर दिया था। बजाज ऑटो लि. जैसी कुछ कंपनियों ने एक्सपोर्ट ऑर्डर पूरे करने के लिए सीमित क्षमता के साथ प्रोडक्शन जारी रखा। अब संक्रमण कम होने के बाद खास तौर से उत्तरी और दक्षिण भारत में मई के मध्य से ज्यादातर ऑटो कंपनियों ने कारखाने शुरू कर दिए हैं ।