+91-9414076426
Agency | Apr 20, 2023 | Health and Fitness
वायु नलिकाओं में सूजन से होता है
दमा
अस्थमा (दमा) फेफड़ों की वायु नलिकाओं में सूजन के कारण होता है, जिसमें बार-बार घरघराहट और सांस फूलती है। अस्थमा का सबसे प्रमुख कारण परिवार में अस्थमा का इतिहास होना भी है। हालांकि, वायु प्रदूषण, घरेलू एलर्जी जैसे बिस्तर में खटमल, स्टफ्रड फर्नीचर, तंबाकू का धुआँ और रासायनिक पदार्थ अस्थमा के प्रमुख कारकों में शामिल हैं। विभिन्न वजहों से होने वाले अस्थमा के भी कई प्रकार होते हैं जैसे एडल्ट ऑनसेट अस्थमा , एलर्जिक ऑक्यूपेशनल अस्थमा व्यायाम से होने वाला अस्थमा और गंभीर (सीवियर) अस्थमा इत्यादि। पुराने अस्थमा का अमूमन निरंतर दवाओं द्वारा इलाज किया जाता है। लेकिन गंभीर लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए अधिक उन्नत उपचार की आवश्यकता होती है। अस्थमा से ग्रसित लोगों की कुल आबादी में गंभीर अस्थमा से ग्रस्त लोग तकरीबन 8-10 प्रतिशत है।
रत में वायु प्रदूषण ने स्वास्थ्य संकट को जन्म दिया है। इस मामले में, भारत में अस्थमा कुल जनसंख्या के लगभग 15 से 20 प्रतिशत लोगों यानी तकरीबन 3 करोड़ लोगों पर असर डाल रहा है। आने वाले वर्षों में, बढ़ते प्रदूषण का स्तर इस संख्या को सैकड़ों-लाखों में बढ़ा सकता है। जिन लोगों को इनहेलर्स लेने के बावजूद 1-2 महीने तक घरघराहट या खांसी आती रहती है, वे गंभीर अस्थमा की श्रेणी में आते हैं। जो मरीज अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए वर्ष में दो बार से अधिक ओरल स्टेराॅयड लेते हैं वे भी अस्थमा की गंभीर श्रेणी में आते हैं। अगर मानक उपचार रोगी के लक्षणों को लगभग 3 से 6 महीने तक नियंत्रित करने में विफल रहता है, तो इसे एक गंभीर अस्थमा का मामला माना जाता हैं। उन्हें ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी जैसे चिकित्सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में एक अग्रणी आविष्कार, ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी गंभीर अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्पों में से एक के रूप में उभरी है, जो कि अधिक तक चिकित्सा उपचार के बावजूद अस्थमा के लक्षणों से ग्रस्त हैं।
चिकित्सकों के अनुसार सामान्य श्वास के साथ, फेफड़े के वायुमार्ग पूरी तरह से खुले होते हैं। गंभीर अस्थमा वाले लोगों में वायुमार्ग की अत्यध्कि चिकनी मांसपेशियां होती हैं, जो उनके वायुमार्ग की परिक्रमा करती हैं। वायुमार्ग की सूजन के साथ यह अतिरिक्त मांसपेशी वायुमार्ग की दीवारों को मोटा बनाने के लिए जुड़ जाती हैं। अस्थमा के दौर के दौरान, वायुमार्ग की चिकनी मांसपेशी सिकुड़ जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी के दौरान, एक छोटी लचीली ट्यूब को मुंह या नाक के माध्यम से रखे गए एक मानक लचीले ब्रोन्कोस्कोप के माध्यम से वायुमार्ग में लगाया जाता है। उपचार वायुमार्ग की दीवारों को नियंत्रित तापीय उर्जा प्रदान करके वायु मार्ग में स्मूद मसल मांस को कम करता है। यह तीन ब्रोंकोस्कोपी में किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह थेरेपी लगभग 80 प्रतिशत तक मांसपेशियों को सामान्य आकार में लाने में सहायक होती है। मांसपेशियों के आकार में कमी का उन रोगियों पर अंतर्निहित प्रभाव पड़ता है जो दवा पर निर्भर हैं, क्योंकि यह अधिक प्रभावी हो जाता है और वायुमार्ग थोड़ा अधिक खुल जाता है। यह अस्थमा के दौर के दौरान दीवार की सकुंचन और संकीर्ण होने की क्षमता को कम करता है। गत कई वर्षों में, ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी ने गंभीर अस्थमा रोगियों को उनकी स्थिति को बेहतर ढंग से उपचारित करने में मदद की है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार होता है। अस्थमा के तमाम उपचार सामने आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता शायद ही कभी उनका उपयोग करते हैं या उनके बारे में जानते हैं। अफसोस की बात यह है कि बीटी जैसे उपचार दुनियाभर में जीवन बदल रहे हैं, लेकिन भारत में उनके बारे में बहुत कम जानकारी है। परिणाम में पर्याप्त सुधार के लिए एक नए नजरिये की आवश्यकता है।