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Agency | Jul 28, 2021 | Expert View
क्या है टीडीएस का नया प्रोवीजन 194Q?
किस समय टीडीएस काटना है
यदि धारा 194Q में दी हुई सभी शर्तें पूरी होती हैं तो यह टीडीएस उस समय काटना है जिस समय यह राशि विक्रेता के खाते में जमा अर्थात क्रेडिट की जाती है या उसे भुगतान की जाती है, में से जो घटना पहले हो अर्थात जब क्रेता द्वारा माल के खरीद की प्रविष्टी करते समय माल खाते को डेबिट कर विक्रेता के खाते को क्रेडिट किया जाता है उस समय टीडीएस काटना है लेकिन इस सम्बन्ध् में विक्रेता को भुगतान पहले ही या एडवांस के रूप में हो गया है तो भुगतान के समय टीडीएस काटना है। आसान शब्दों में समझंे तो आपने यदि एडवांस राशि का भुगतान नहीं किया है तो आपको माल की खरीद के समय ही यह टीडीएस काटना है और यदि आपने एडवासं भुगतान किया है तो एडवांस भुगतान के समय ही आपको यह टीडीएस काटना है। यहाँ आप ध्यान रखें कि जितनी राशि एडवांस दी है उस पर से एडवांस देते समय और शेष राशि माल खरीदते समय यह टीडीएस काटा जाना है।
टीडीएस की दर क्या होगी
टीडीएस की दर 0.1% होगी अर्थात व्यवहारिक रूप से टीडीएस काटने के योग्य प्रत्येक एक लाख रुपये पर यह राशि 100 रुपये होगी। जितनी रकम जिस पर टीडीएस काटा जाना हैं उसकी गणना आप कर लें यहाँ सिर्फ एक अनुमान के लिए 1 लाख रुपये का उदाहरण दिया गया है। राशि की गणना निश्चित रकम पर 0.1% की दर से करनी है।
उदाहरण-1
यदि क्रेता द्वारा एक वित्तीय वर्ष में कुल 52,34,400.00 रुपए की खरीद की गई है और यह सारी खरीद 1 जुलाई 2021 के बाद ही है तो इसमें से 50 लाख रुपए घटाने के बाद 2,34,400.00 बचते है तो इस पर टीडीएस की राशि 234.00 रुपये होगी।
यदि एक क्रेता ने अपने विक्रेता से 70 लाख रुपये का माल खरीदा है तो उसे टीडीएस के रूप में पहले 50 लाख रुपये छोड़ते हुए शेष 20 लाख रुपये पर 0.1ः की रेट से 2000.00 रुपये टीडीएस काटना है।
पैन नम्बर नहीं देने पर टीडीएस की दर 5% - धारा 206AB
यहाँ यह ध्यान रखें कि यदि विक्रेता अपना पैन नम्बर नहीं देता है तो टीडीएस की यह दर 5% होगी लेकिन आप स्वयं कल्पना कर सकते है कि यह एक बहुत ही लगभग दुर्लभ स्थिति है क्योंकि इस समय पैन नम्बर तो लगभग सभी डीलर्स के पास है लेकिन यदि किसी क्रेता के पास विक्रेता के पैन नम्बर नहीं है तो पिफर टीडीएस की दर 0.1% की जगह 5 प्रतिशत हो जायेगी। सामान्य स्थिति में जिस व्यक्ति का टीडीएस काटा जाना है उ सके पैन नम्बर नहीं देने पर 20 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधन है लेकिन धरा 194Q के तहत पैन नम्बर नहीं देने पर यह दर 5 प्रतिशत होगी।
For Trade Enquires Mr. Kapil Saraswat
रिटर्न फाइल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस की दरः-206AB
1 जुलाई 2021 से जिन व्यक्तियों का टीडीएस काटा जाना है उनकी एक नई श्रेणी बताई गई है जिनके लिए टीडीएस सामान्य दर से नहीं काटा जाकर नियमित दर का दुगना या 5 प्रतिशत, जो भी अध्कि हो, से काटा जाएगा। यह प्रावधन आयकर कानून की धरा 206AB के तहत दिया गया है। आइये देखें, इन विशिष्ट व्यक्तियों की नई श्रेणी को, जिनका टीडीएस अधिक दर से काटा जाना है वह कैसे निर्धरित होगी। इस श्रेणी में जाने के लिए जो शर्ते धरा 206AB दी गई है वे निम्न प्रकार हैः-
1. 31 मार्च 2019 एवं 31 मार्च 2020 की समाप्त वर्ष के दौरान प्रत्येक वर्ष में जिनका टीडीएस एवं टीसीएस मिला कर 50 हजार रुपये से अधिक था।
2. इन करदाताओं ने इन दो वर्षों अर्थात 31 मार्च, 2019 एवं 31 मार्च 2020 दोनों ही वर्षों के आयकर रिटर्न नहीं भरा है अर्थात वह व्यक्ति लगातार दो वर्षों के रिटर्न नहीं भरा है अर्थात वह व्यक्ति लगातार दो वर्षों के रिटर्न नहीं भर रहा है। ध्यान रखें यदि इन दो वर्षों में से किसी एक वर्ष का रिटर्न भी भर दिया है तो आपकी उस विक्रेता का टीडीएस सामान्य दर अर्थात 0.1ः प्रतिशत से ही काटना है।
इस प्रावधान में निर्धारण वर्ष 2021-22 अर्थात 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के रिटर्न से कब सम्बन्ध् होगा तो याद रखें कि जिस दिन इस रिटर्न की धरा 139 (1) के तहत निर्धारित तिथी समाप्त हो जायेगी तब 31 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 वर्ष के रिटर्न और उसमें इन व्यक्तियों पर कटे टीडीएस/टीसीएस से विशिष्ट व्यक्ति का निर्धारण किया जाएगा और 31 मार्च 2019 के वर्ष को उस समय इस गणना से छोड दिया जाएगा।
अब हम 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के रिटर्न के बारे में बात करें तो इस रिटर्न के भरने की 139 (1) में दी गई तारीख तक तो आपको इस वर्ष के रिटर्न के बारे में नहीं सोचना है लेकिन मान लीजिये 30 नवम्बर 2021, जो आडिट रिटर्न्स की निर्धरित तिथी है, तक रिटर्न नहीं भरा है तो 30 नम्बर 2021 से टीडीएस की बढ़ी हुई दर लागू हो जायेगी। यदि इस व्यक्ति ने वित्तीय वर्ष 19-20 का रिटर्न भी नहीं भरा है लेकिन जैसे ही वह निर्धारित वित्तीय वर्ष 2020-21 का अपना रिटर्न भर देगा जो कि वह निर्धारित तिथी के बाद भरेगा तब फिर से टीडीएस की सामान्य दर लागू हो जायेगी। आडिट के अलावा अन्य रिटर्न्स की निर्धारित तिथी जो भी धारा 139 (1) में दी गई है उनके मामलों में वह तिथी काम आएगी।
यही प्रावधान अब धारा 194Q के टीडीएस पर भी लागू होगा और इन परिस्थितियों में कर की दर 0.1% की जगह 5% हो जायेगी।
टीडीएस कब जमा करना है
यह टीडीएस माह समाप्त होने के 7 वें दिन तक जमा करना है। 1 जुलाई 2021 से यह प्रावधन लागू हो रहा है तो इस प्रकार जुलाई 2021 का पहला एकत्रा कर 7 अगस्त 2021 तक जमा कराना है और उसके बाद हर माह की समाप्ति के अगले माह के 7वें दिन तक जमा करना है। यहाँ एक बात याद रखे कि मार्च माह का टीडीएस 30 अप्रैल तक जमा करना है। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार ब्याज का भुगतान करना होगा जैसा कि देरी से जमा कराये गए टीडीएस के साथ होता है।
रिटर्न कब भरना है
टीडीएस का रिटर्न 26Q टीडीएस रिटर्न्स में भरना है और इसे तिमाही आधार पर भरना है।
आइये देखे कि इस टीडीएस रिटर्न की निर्धरित तिथी क्या हैः-
तिमाही समाप्ति निर्धारित तिथी
जून 31 जुलाई
सितम्बर 31 अक्टूबर
दिसम्बर 31 जनवरी
मार्च 31 मई