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Avnish Jain | Feb 28, 2021 | 100 Steps of Success
सौ कदम सफलता के
काम के दौरान ही आराम करें
जिस प्रकार कार की बैट्री कार को चलाने के दौरान ही चार्ज होती रहती है, उसी प्रकार व्यक्ति को भी काम के दौरान ही रिर्चाज होते रहना चाहिए। क्या आपने कभी कार के पहियों को आराम करते देखा है ? कार के खड़ी होने पर भी गाड़ी का वजन तो पहियों पर ही होता है। पर इसका अर्थ यह तो नहीं कि पहिए आराम नहीं करते। आप भी पहियों की तरह आराम कर सकते है।
जिन्दगी एक ऐसा सफर है, जो निरन्तर जारी रहता है। जिस प्रकार एक यात्री यात्रा के दौरान ही आराम के क्षण ढू़ँढ़ लेता है, उसी प्रकार काम के दौरान आराम भी जरूरी है। यदि आप काम छोड़कर आराम करना चाहेंगे तो हो सकता है आप आराम ही करते रह जायें। बेकार बैठ कर नहीं, काम करके अपने-आप को थकाइए। उपयोगी एवं उत्पादक कार्यों में ही अपनी शक्ति लगाइए। ऐसे कार्यों से होने वाली थकान ही सार्थक थकान होती है। बेकार बैठ कर कोई ठीक से आराम भी नहीं कर सकता। यदि आपका काम अक्सर कुर्सी पर बैठ कर ही होता है, तो आप कुर्सी को घुमाकर या थोड़ा पीछे झुकाकर हाथ, पैरों व गर्दन को थोड़ा आराम भी दे सकते हैं। बीच में कुर्सी से उठ कर खड़े भी हो सकते हैं। जब व्यस्त रहें व्यस्तता के दौरान ही आराम करें। याद रखें कुर्सी पर बैठने के बाद यदि आपके पास पर्याप्त काम नहीं है तो यही आपकी थकान का सबसे बड़ा कारण होगा।
यदि आपका कार्य ऐसा है, जिसके लिए अक्सर खड़ा रहना पड़ता है अथवा प्रायः घूमना-फिरना पड़ता है तो आपको खडे-खड़े आराम करना चाहिए। अपने सहकर्मियों के साथ हँसी मजाक कर सकते हैं। इस तरह खुद हल्के रहकर दूसरों को भी हल्का रख सकते हैं। काम के साथ आराम करने का सबसे बढ़िया तरीका है वर्तमान में जीना। न भूत का अफसोस, न भविष्य की चिन्ता, इसी का नाम है आन्नद में जीना। याद रखें, आदमी काम से नहीं, सोचने से अधिक थकता है इसलिए न भूत की सोचें, न भविष्य की सोचें, केवल वर्तमान की सोचें। सोचें ही नहीं, व्यस्त रहें, फिर कुछ भी सोचने की आवश्यकता नहीं रहेगी। काम के दौरान जब भी फुरसत मिले, उसका पूरा-पूरा सदुपयोग करें। उन क्षणों में टी.वी. देखें, कुछ पढ़ें, मौन रहें अथवा योग करें। खेलना, हँसी मजाक करना थकान मिटाने के कुछ आसान तरीके हैं।
आप जो भी करें, तनावमुक्त होकर करें। हर काम मुस्कराहट के साथ आनन्द युक्त होकर करें। मुस्कराहट अपने-आप में सबसे बड़ी आराम की थैरेपी है। मानसिक रूप से आलसी बनने पर अधिक थकावट होती है। अपने कार्य को बेगार समझने पर सबसे अधिक थकावट होती है। याद रखें, थकान के बिना विश्राम और विश्राम के बिना थकान का कोई अर्थ नहीं है। असली थकान तो काम से ही आ सकती है। जरा सोचिए, क्या सूर्य, पृथ्वी, चांद सितारे एक क्षण भी ठहर सकते हैं ? क्या इन्हें आराम नहीं चाहिए? प्रकृति की हर वस्तु आराम करती है किन्तु अपनी निरन्तरता को बनाये रखते हुए करती है। जबकि आपके हृदय सहित सभी शारीरिक अंग बिना रुके सौ साल से भी अधिक समय तक कार्य कर सकते हैं, तब आप क्यों नहीं कर सकते? फिर आपको तो चैबीस घण्टों में से केवल आठ घण्टे ही औसतन काम करना पड़ता है। काम करें मन लगाकर करें काम के दौरान ही थोड़ा आराम करें।
दृष्टान्त: इमारती पत्थरों की खदानों के एक मालिक ने एक लेखक को बताया कि वह पिछले पन्द्रह वर्षों से सोया ही नहीं है। लेखक द्वारा आश्चर्य व्यक्त करने पर खान मालिक ने स्पष्ट किया कि वह थोड़ी देर के लिए सोता तो है किन्तु किसी बेडरूम में पलंग पर नहीं सोता। खानों में पत्थर खनन का कार्य रात और दिन चलता रहता है। वह भी एक खान से दूसरी खान पर चलता रहता है। रात को जब भी नींद आने लगती है, वह घण्टे-दो घण्टे के लिए किसी भी पत्थर अथवा पट्टी पर लेट जाता है और सो लेता है। नींद खुलती ही फिर घूमना आरम्भ कर देता है। काम के दौरान आराम करने का यह तरीका जरा कठिन है। सबके लिए संभव भी नहीं है पर अपवाद सब जगह मिल जाते हैं।