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Agency | Aug 11, 2021 | 100 Steps of Success
कोई भी सफलता कभी अन्तिम नहीं होती
गहराई से देखा जाये तो हर श्वास एक सफलता है। एक मिनट में औसतन पन्द्रह बार श्वास लिये जाते हैं, तब किसी एक श्वास को अन्तिम कैसे कहा जा सकता है। अन्तिम श्वास का अर्थ तो बस मृत्यु है। उसी प्रकार किसी सफलता को अन्तिम कैसे कहा जा सकता है। सफलता तो हर क्षण घटने वाली घटना होती है और कोई घटना कभी अन्तिम नहीं होती।
कोई भी सफलता आपके सफर का एक पड़ाव हो सकती है, मंजिल नहीं हो सकती। सफलता दर सफलता प्राप्त करते चलो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं हो सकती । कोई किसी एक सफलता से कभी संतुष्ट हो भी नहीं सकता, उसे तो हर क्षण, हर बार नयी सपफलता की ऊँचाई चाहिए इसीलिए एक व्यक्ति अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ कर गुजरता है।
जीवन में सफलतायें और विफलतायें तो निरन्तर मिलती रहती हैं। इसलिए किसी बड़ी सफलता की प्रतीक्षा किये बगैर छोटी-छोटी सफलताओं , विफलताओं का आनन्द उठाते चलें। याद रखें, छोटी-छोटी सफलताओं, विफलताओं के योग से ही कोई बड़ी सफलता बनती है।
जब आपको कोई बड़ी सफलता मिलती है, तब आपको बहुत खुशी होती है परन्तु दूसरे ही दिन बड़ी सफलता भी कितनी छोटी हो जाती है, क्योंकि तब तक दुनिया काफी आगे निकल चुकी होती है। यह भी सही है कि हर सफलता विफलता में और हर विफलता सफलता में बदलती रहती है अर्थात् यहां कुछ भी स्थायी नहीं है। न कोई सफलता अन्तिम होती है और न कोई विफलता अन्तिम होती है।
यह भी सही है कि हर नयी पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी से कुछ ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ती है। कोई कितना ही छोड़कर जाए, पीछे वालों को उसे संभालने में ही काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जीवन तो सतत् गति का नाम है, जीवन बस प्रगति का नाम है। जहाँ ठहराव, वहाँ जीवन समाप्त। ठहराव ही अधोगति का नाम है अर्थात् गति ही जिन्दगी का सार है। जहाँ गति, वहाँ प्रगति और प्रगति कभी अन्तिम नहीं हो सकती है।
किसी लक्ष्य को प्राप्त कर लेने पर दूसरा लक्ष्य अपने आप सामने आ जाता है। हर सफलता से हमें प्रसन्नता मिलती है और विफलता से खिन्नता। न कोई प्रसन्नता अन्तिम होती है ओर न कोई खिन्नता अन्तिम होती है। गहराई से देखा जाये तो यहाँ अन्तिम कुछ है भी नहीं। प्रत्येक अन्त किसी नये शुभारम्भ में परिवर्तित होता रहता है।
याद रखें किसी एक सफलता से ही हमें लगातार सफलताएं मिलती रहती हैं। इसलिए बिना रुके, निरन्तर क्रियाशील रहने वाला व्यक्ति ही जीवन में सपफलता प्राप्त करता है और सफलता को अन्तिम सफलता समझने वाला व्यक्ति प्राप्त सफलता को भी गंवा देता है।
दृष्टान्त
पहिए, विद्युत, मोटर, टेलीपफोन, टी. वी., कम्प्यूटर, राकेट आदि के आविष्कारकर्ताओं को यह पता नहीं था कि उनके आविष्कार एक दिन दुनिया में क्रान्ति ला देंगे किन्तु किसी भी आविष्कारकर्ता ने अपनी आविष्कारिक सपफलता को कभी भी अन्तिम नहीं माना। बाद वाले वैज्ञानिकों ने इसमें निरन्तरसुधर किया और आविष्कारों को उपयोगी एवं सुलभ बनाया और यह प्रक्रिया निरन्तर जारी है। आज जितने साधन और जितनी सुविधा यें उपलब्ध् हैं, उनकी आदमी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। भविष्य में कितनी सुविधायें उपलब्ध् होने वाली हैं अर्थात् कोई भी विकास कभी अन्तिम नहीं हो सकता इसलिए अपने कार्यों में लगातार लगे रहें और नित नयी सफलतायें प्राप्त करते रहें।