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Agency | Feb 02, 2023 | Health and Fitness
मोटे अनाज का फायदा
रोज 50 ग्राम मोटा अनाज खाने से हृदय रोग और डायबिटीज का खतरा 30% तक कम होता है, यह कोलेस्ट्राॅल घटाता है, इंसुलिन सुधारता है
संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। मोटे अनाज को साबुत अनाज या होल ग्रेन भी कहा जाता है। आखिर यह साबुत अनाज क्या है, जिसकी अचानक से मांग बढ़ी हैं। लोगों में सेहत के लिए ये पहली पसंद बन रहा है। मायो क्लिनिक के अनुसार साबुत अनाज न केवल बैड कोलेस्ट्राॅल को कम करता है, बल्कि गुड कोलोस्ट्राॅल को बढ़ाता है। इंसुलिन के स्तर को संतुलित करता है। ब्लड प्रेशर घटाता है। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज का खतरा घटता है। आंतों के कै।सर का खतरा भी कम होता है। होल ग्रेन काउंसिल के अनुसार यदि व्यक्ति रोजाना 50 ग्राम या उससे अध्कि मोटा अनाज या उसने बने पदार्थों का सेवन करता है कई बीमारियों का खतरा कम होता है। हार्ट फाउंडेशन के अनुसार इसका सुबह नाश्ते में सेवन सबसे अच्छा होता है। दिन में खाना ज्यादा फायदेमंद है।मोटे अनाज से जुड़ा वो सबकुछ जो आपको जानना चाहिए------
मोटा अनाज क्या है?
फसलों से पैदा हुआ खाए जा सकने वाले बीज को अनाज कहा जाता है जैसे गेंहू, चावल, बाजरा आदि। किसी भी अनाज के तीन हिस्से होते हैं। जिस अनाज में ये तीनों हिस्से हों उसे साबुत अनाज कहते हैं।
ब्रान या चोकर: यह अनाज की सबसे उपरी कठोर परत होती है। इसमें अनाज का सर्वाधिक फाइबर होता है। साथ ही विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं।
जर्म: यह बीज का वो हिस्सा है जो नए पौधे के रूप में अंकुरित होता है। इसमें कई विटामिन, हेल्दी फैट और पौधें में पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह खराब कोलेस्ट्राॅल को कम करता है।
एंडोस्पर्म: यह हिस्सा बीज की उर्जा आपूर्ति करता है, इसमें ज्यादातर स्टार्च होता है। इसमें बहुत कम मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और फाइबर होता है
हार्वर्ड ने बताया मोटा अनाज है कितना फायदेमंद ?
हृदय रोग: खतरा 30 प्रतिशत तक कम
हार्वर्ड ने महिलाओं पर 10 साल तक किए गए अध्ययन में पाया कि जो महिलाएं भोजन में रोजाना 35 से 50 ग्राम तक साबुत अनाज या उनसे बने प्रोडक्ट का सेवन करती थीं उनमें हार्ट अटैक या हृदय रोगों से मृत्यु का खतरा 30» तक कम पाया गया।
टाइप-2 डायबिटीज: इसका खतरा भी 30 प्रतिशत तक कम होता है।
हार्वर्ड इंस्टीट्यूट ने 1.60 लाख महिलाओं पर 18 साल तक किए गए अध्ययन में पाया कि रोजाना औसतन 50 ग्राम साबुत अनाज का सेवन करने वाली महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा 30» तक कम होता है।
कैंसर: आंतों में होने वाले कैंसर की आशंका 21 प्रतिशत तक कम
5 लाख महिलाओं और पुरुषों पर 5 वर्ष तक किए गए अध्ययन में पाया गया कि साबुत अनाज का सेवल करने से आंतों में होने वाले कैंसर का खतरा 21 प्रतिशत तक कम होता है। दरअसल इसमें पाया जाने वाला फाइबर आंतों को सेहतमंद रखता है।
भोजन में ऐसे करें शामिल
बाजरा, ज्वार, चना जौ, राजगिरा, ब्राउन राइस, मक्का और रागी हमारे यहां पाए जाने वाले प्रमुख मोटे अनाज है। इन्हें निम्न तरीके से भोजन में शामिल किया जा सकता है-----
चना: चने को अंकुरित करके खाना सबसे आसान और सर्वाधिक फायदेमंद होता है। इसे गेंहू के आटे के साथ भी मिलाकर खा सकते हैं।
बाजरा: यह कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम का प्रमुख स्त्रोत है। इसकी खिचड़ी या दलिया बनाकर खाएं। इसे भोजन में चावल की जगह शामिल किया जा सकता है।
ज्वार: यह ग्लूटेन फ्री होता है। फास्पफोरस, मैग्नीशियम, रीबोफ्रलाविन का प्रमुख स्त्रोत है। ज्वार और मूंगदाल की नमकीन खिचड़ी बना सकते हैं। चीला बनाकर खाएं।
जौः इसका दलिया और रोटी आसानी से बनती है।
राजगिरा: इसमें विटामिन बी-2, बी-6, जिंक, मैग्नीशयम आदि होता है। मुरमुरे की तरह लड्डू बनाकर खा सकते हैं।
रागी: आयरन और कैल्शियम का प्रमुख स्त्रोत है। इसे आटे के साथ मिलाकर रोटी के रूप में खा सकते हैं।