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Agency | Aug 30, 2021 | Expert View
जीएसटी व्यवस्था में खामियां, काफी कर चोरी हो रही
केरल के वित्त मंत्राी के एन बालगोपाल ने जीएसटी ढांचे में व्यवस्थागत बदलाव की मांग करते हुए कहा कि हर राज्य और उपभोक्ता को इसकी मूल रूप से त्राुटिपूर्ण संरचना के कारण नुकसान हुआ है। साथ ही इसकी वजह से राज्यों के लिए राजस्व के मोर्चे पर घाटा हुआ है।
माल और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था जुलाई 2017 में लागू हुई थी। हालांकि यह संरचना एक राष्ट्र-एक-कर माॅडल पर केंद्रित है, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों और शराब सहित कुछ चीजें अब भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। बालगोपाल ने कहा, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के चार वर्षों में हमारे अपने कर राजस्व में 61 प्रतिशत की भारी गिरावट हुई हैं, क्योंकि संरचना और जीएसटी का डिजाइन दोनों ही व्यवस्थित रूप से त्राुटिपूर्ण हैं। इससे कर चोरी के लिए पर्याप्त जगह बन गयी हैं। और जहां तक मैं जानता हूं, यह सिपर्फ केरल के लिए नहीं बल्कि सभी राज्यों के लिए है। मई में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली माकपा सरकार के सत्ता में लौटने पर पदभार ग्रहण करने वाले बालगोपाल ने यह भी कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केरल के कुल राजस्व में एक तिहाई की गिरावट आयी है। उन्होंने चार साल पुरानी इस कर व्यवस्था में कुछ अमूल-चूल परिवर्तन करने का आह्नान किया है। हालांकि उन्होंने जरूरी बदलावों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
राज्यसभा सदस्य के रूप में, बालगोपाल ने 2015 में जीएसटी का विरोध् करते हुए कहा था कि यह संघीय ढांचे का अतिक्रमण करेगा और खासकर कराधन के मोर्चे पर राज्यों की ज्यादातर शक्तियों को भी छीन लेगा। उन्होंने उस समय प्रस्तावित जीएसटी संरचना पर गौर कर रही प्रवर समिति को असहमति का एक नोट भी सौंपा था। बालगोपाल ने कहा कि उनके और पार्टी के वैचारिक विरोध् में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हमने पहले मसौदा विधेयक के चरण से ही सैद्धान्तिक रूप से इसका विरोध् किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दावा किया था कि माल यातायात निर्बाध् और तेज होगा और उपभोक्ताओं को फायदा होगा क्योंकि कम करों की वजह से कीमतें गिरेंगी, लेकिन मैं आपको बता दूं कि दुख की बात है कि दोनों ही मोर्चे पर कुछ हासिल नहीं हुआ।