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Auto Desk | Feb 28, 2021 | Light Commercial Vehicles
स्क्रेपेज पाॅलिसी में नया व्हीकल खरीदने पर मिलेंगे कई बेनिफिट्स
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नयी स्क्रेपेज पाॅलिसी के तहत नया व्हीकल खरीदते समय अपने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले व्हीकल्स को ‘कबाड़’ (स्क्रैप) करने का विकल्प चुनने वाले खरीदारों को कई लाभ दिए जाएंगे। इस नीति को काफी प्रोत्साहन देने वाला करार देते हुए गडकरी ने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में भारतीय व्हीकल उद्योग का कारोबार 30 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। बजट 2021-22 में स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रेपेज पाॅलिसी की घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि इससे व्हीकल उद्योग को कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी। स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रेपेज पाॅलिसी के तहत व्यक्तिगत या पैसेंजर व्हीकल्स का 20 साल में और काॅमर्शियल व्हीकल्स का 15 साल में ‘पिफटनेस टेस्ट’ होगा।
गडकरी ने कहा, ‘‘अपने व्हीकल्स को कबाड़ करने का विकल्प चुनने वाले ग्राहकों को विनिर्माताओं से कुछ लाभ दिया जाएगा। वास्तव में कबाड़ नीति पफायदेमंद साबित होगी। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि व्हीकल उद्योग को भी फायदा होगा और साथ ही व्हीकल्स का प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी’’ उन्होंने कहा कि वह जल्द इस नीति के ब्योरे को जारी करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में व्हीकल उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले क्षेत्रों में शामिल होगा। यह पूछे जाने पर कि यह नीति स्वैच्छिक है ऐसे में यदि कुछ लोग इसके विकल्प को नहीं चुनते है, तो उनको हतोत्साहित करने के क्या उपाय किए गए हैं, गडकरी ने कहा कि इसमें हरित कर और अन्य शुल्कों का प्रावधान है। ऐसे व्हीकल्स को कड़े आटोमेटेड पिफटनेस परीक्षण से भी गुजरना होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस नीति के तहत प्रोत्साहनों पर काम किया जा रहा है। अरमाने ने कहा कि व्हीकल स्क्रेपेज पाॅलिसी के बड़े लाभ हैं। उन्होंने कहा कि शोध् से पता चलता है कि एक पुराने चार सीटों के सेडान व्हीकल पर पांच साल में 1.8 लाख रुपये का नुकसान होता है। वहीं भारी व्हीकल्स पर इससे तीन साल में आठ लाख रुपये का नुकसान होता है। अरमाने ने कहा, ‘‘हम कुछ प्रोत्साहन देना चाहते हैं। यह नीति अनिवार्य है। सभी व्हीकल्स को आटोमेटेड पिफटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं होगा। इससे कोई भ्रष्टाचार या आंकड़ों की गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी।’’