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Agency | Oct 12, 2022 | Health and Fitness
खुले में योग नहीं करे, एलर्जी से बचने के लिए
30-30 के स्टेप में भस्त्रिका करें
दीपावली पर सुबह के तापमान में गिरावट आना शुरू हो जाती है। मौसम में बदलाव और सुबह की हल्की ठंड से वायरल फीवर, कोल्ड होने के चांस बढ़ जाते हैं, वहीं, पटाखों की धुएं के कारण एलर्जी हो सकती है। ऐसे में, लोगों को खुले में योग करने से बचना चाहिए। सुबह दो से तीन गिलास गुनगुना पानी पिंए। इससे शरीर का तापमान बढ़ेगा। वायरल इंफेक्शन और ठंड से बचाव हो पाएगा। इस मौसम में जाॅईंट्स में अकड़न बढ़ जाती है। इसलिए गर्दन से लेकर एंकल जाॅइंट्स में मूवमेंट करते हुए 15 मिनट तक सूक्ष्म व्यायाम करें। इसके बाद सूर्य नमस्कार और प्रणायाम करें।
भस्त्रिका व कपालभाति साथ-साथ नहीं करे
भ्रस्त्रिका, प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी और ओम चेंटिंग करना चाहिए। इससे श्वसन तंत्र मजबूत बनेगा। इसमें ठंड व जुकाम के कारण आने वाली रुकावट दूर होगी। भस्त्रिका व कपालभाति साथ-साथ नहीं करें। दोनों में थकान ज्यादा होती है। कपालभाति ज्यादा तेज गति से नहीं करना चाहिए। इसकी स्पीड प्रति मिनट 60 रखें। यानी एक सैकंड में एक ही स्ट्रोक करें। एक मिनट से ज्यादा कपालभाति नहीं करना चाहिए। इसमें 10 सैकंड की स्पीड से श्वास बाहर निकालें। प्रणायाम में दांये से सांस लें और बांये से छोड़े। बांये से सांस ले और दांये से छोड़े।
अस्थमा में दो मिनट से ज्यादा नहीं करें भस्त्रिका
भस्त्रिका करते वक्त सावधानी बरतें। इसमें दोनों नाक से एक साथ तेजी से सांस लें और तेजी से बाहर निकालें। 30-30 के स्टेप में यह क्रिया करें। इससे शरीर में मौजूद सभी एलर्जन नाक के जरिए बाहर निकल जाएंगे। इस बीमारी के पेशेंट्स को फायदा मिलेगा। यह आसन करते वक्त अस्थमा पेशेंट्स को विशेष ख्याल रखना चाहिए। उन्हें एक से दो मिनट से ज्यादा भ्रस्त्रिका नहीं करना चाहिए। इससे अस्थमा के अटैक आने के चांस बढ़ते हैं। इसलिए इन पेशेंट्स को विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है।
डाॅ. धीरज जैफ - योगा एक्सपर्ट, एसएमएस योगा सेंटर, जयपुर।
अस्थमा पेशेंट्स सुबह गुनगुने पानी से गरारे करें
पटाखों का धुआं अस्थमा या सीओपीडी पेशेंट्स के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। इस धुएं के कारण लंग्स को नुकसान पहुंचने से श्वसन तंत्र डैमेज हो सकता है। ये पेशेंट्स दवाइयां और इनहेलर्स हमेशा अपने पास रखें। पटाखों की धुएं से दूर रहें। अगर बाहर जाएं तो अच्छी क्वालिटी के एन-95 मास्क या रूमाल से मुंह कवर करके ही जाएं। भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम जैसे स्थिति में जाने से बचें, क्योंकि ऐसी जगहों पर खाने-पीने से किसी तरह की परेशानी हो सकती है। इसके लिए सुबह हल्के गुनगुने पानी से गरारा करें। गरारे के बाद 30 मिनट तक कुछ भी खाने से परहेज करें। तले हुए भोजन एवं मिठाइयां सीमित मात्रा में लें। इस मौसम में तापमान गिरना शुरू हो जाता है। कई बार नए कपड़े भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इसलिए सूती कपड़े पहनना अच्छा रहेगा। इस फेस्टिवल पर जीवनशैली संयमित रखें। सूर्योदय के बाद या दोपहर में घूमने जाएं। सुबह-सुबह और देर शाम को वातावरण में हानिकारक पार्टिकल्स मौजूद होते हैं, ये लंग्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। धूम्रपान या अगरबत्ती के धुए से भी अस्थमा के दौरे आने का खतरा बढ़ सकता है। इण्डोर एयर पाॅल्यूशन से बचने के लिए, श्वास रोगी एयर प्यूरिफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए नियमित योग करें। किसी तरह की असुविधा या बेचैनी होने पर रिलीवर दवाओं का उपयोग करना चाहिए।
- डाॅ. शिवानी स्वामी, पल्मोनोलाॅजिस्ट, जयपुर