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Agency | Jun 17, 2021 | Health and Fitness
पोस्ट कोविड में भी 3 सप्ताह से 3 महीने तक रहते हैं लक्षण
कोविड निगेटिव होने के बाद रिकवरी फेज में लोगों को काफी परेशानियां रहती है। पोस्ट कोविड सामान्य लक्षण तीन से चार सप्ताह तक बने रहते हैं। लेकिन कुछ में तीन से चार महीने तक ये लक्षण रहते हैं। पोस्ट कोविड पीरियड के दौरान होने वाली परेशानियों के बारे में एक्सपर्ट बता रहे हैं
ऑक्सीजन पर रह चुके पेशेंट्स में तीन सप्ताह बाद तक हो सकता हैं। इनमे फंगल और बैक्टीरियल इंफैक्शन भी रहा है। इस इंफैक्शन से बचाव के लिए लंबे समय तक स्टेराॅयड नहीं दिए जाने चाहिए। लंबे समय तक देने से हार्ट में बदलाव हो सकते हैं। अगर तीन सप्ताह बाद तक सांस फूलने की कोविड निगेटिव होने के बाद भी तीन सप्ताह से लेकर तीन महीने तक लक्षण रह सकते हैं। पेशेंट को कभी-कभी फीवर आ सकता हैै। सीवियर केसेज में हाथ-पैर में दर्द और थकान तीन महीने तक रहती है। माइल्ड टू माॅडरेट में दो से तीन सप्ताह तक यह समस्या बनी रहती है। जिन्हें लंबे समय तक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। उनमें लंग पफाइब्रोसिस होने के चांस ज्यादा रहते हैं। वेंटिलेटर या असमस्या बनी रहे। डाॅक्टर से चैकअप करवाएं। लोंग कोविड तीन महीने बाद तक रहता है। पोस्ट कोविड एलेंजिक ब्रोंकाइटिस की शिकायत रह सकती है, जिनमें ऑक्सीजन का लेवल सही है। ब्लड मार्कर जैसे डि-डाइमर बढ़ा हुआ है। घबराए नहीं। ऑक्सीजन का स्तर कम और ब्लड मार्कर बढ़ने पर डाॅक्टर से कंसल्ट करें।
3 से 4 सप्ताह तक थकान, छाती में जकड़न रह सकती है
कोविड से रिकवर होने के बाद थकान और थोड़ी दूर चलने पर सांस फूलना सामान्य है। इसमें कुछ पेशेंट्स को नींद नहीं आती है। या पिफर कुछ को बहुत ज्यादा नींद आती है। रिकवर होने के बाद ड्राय कफ की समस्या रहती है। छाती में जकड़न के अलावा घबराहट भी महसूस होती है। वहीं, फिवरिश जैसा महसूस होता है। जिनमें ज्यादा स्कोर होने के साथ-साथ लंग ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उनमें इस तरह के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। ऐसे पेशेंट्स में कोई भी फिजिकल एक्टीविटी करने से सांस में परेशानी और ध्ड़कन बढ़ जाती है। ऐसे पेशेंट्स जो हाइपरटेंसिव और डायबिटिक है। स्टेराॅयड के ज्यादा यूज से डायबिटीज अनकंट्रोल और इररेगुलर हो जाती है। इन्हें विशेष ध्यान रखने रखने की जरूरत है। कोविड के बाद डि-डाइमर बढ़ने से न्यूरोलाॅजिकल प्राॅब्लम हो सकती है। विशेष सावधनी बरतते हुए निगेटिव होने के बाद भी प्रोटोकाॅल अपनाएं।
हैवी नहीं शरीर की कैपेसिटी के मुताबिक एक्सरसाइज करें
सात से आठ घंटे की नींद लें। डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें। लाल सब्जी ज्यादा खाएं। प्राणायाम और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। योग करें। शरीर की कैपेसिटी के मुताबिक ही एक्सरसाइज करें। हैवी एक्सरसाइज करने से बचें। दो से तीन सप्ताह तक शुगर और ब्लड प्रेशर मेंटेन करें। सात से दस दिन तक फोलोअप मैनेज करें। डायबिटिक और हार्ट पेशेंट्स में लंबे समय तक छाती में दर्द व जकड़न रहती है। उन्हें कार्डियोलोजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। ये परेशानियां एक से दो महीने तक रह सकती है। जिन्हें माइल्ड निमोनिया हुआ है, उनमें भी थकान और अन्य लक्षण कई बार चार सप्ताह तक रहते है। अगर डिप्रेशन है तो योगा-प्राणायाम करें। योगा से डिप्रेशन में रिलीपफ नहीं मिलने पर मनोचिकित्सक से सलाह लें। सीआरपी और डि-डाइमर लेवल बढ़ रहा है। इसे इग्नोर नहीं करें। सीवियर इलनैस में डि-डाइमर दो गुना से ज्यादा बढ़ जाता है। ब्लड क्लोटिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए डाॅक्टर की सलाह पर ठीक होने के चार सप्ताह बाद तक खून पतला करने की दवाइयां लें। एक बार सैटल होने के बाद बीमारी बढ़ने के चांस नहीं रहते हैं।