+91-9414076426
Agency | Mar 29, 2022 | Health and Fitness
डाॅक्टर एडवाइज: घबराएं नहीं, रात में सोते समय हार्ट रेट 30 से 50 तक रहना सामान्य
चलते समय चक्कर खाकर गिरना और धुंधला दिखना, कम हार्ट रेट भी एक वजह
सामान्य से ज्यादा ही नहीं कम हार्ट रेट भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। ज्यादा हार्ट रेट होने पर कार्डियोवस्कुलर डिजीज, हाइपरटेंशन और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। वहीं, हार्ट रेट कम होने पर व्यक्ति अचानक से बेहोश होकर गिर जाता है। धुंधला दिखाई देना, थोड़ा सा चलने पर बेहोश होकर गिरना और चक्कर आने के रिस्क फैक्टर में कम हार्ट रेट भी शामिल है। ईसीजी के जरिए यह डायग्नोस किया जाता है कि हार्ट डिजीज तो वजह नहीं है। पेसमेकर में लीकेज से ऐसा होता है। इसे ठीक करके हार्ट रेट को सामन्य किया जा सकता है।
हाइपरथाॅयराइड में भी बढ़ती हैं दिल की धड़कनें
फीवर, लूज मोशन, हाइपरथाॅयराइड में धड़कने बढ़ जाती है। अगर हार्ट रेट 100 से ज्यादा है। यह टेकी कार्डिया कहलाती है। कई बार यह रेट बढ़कर 200-250 तक हो जाती है। मेडिसीन से इसे सामान्य किया जाता है। हार्ट रेट तेज होने पर कार्डियक अरैस्ट आ सकता है।
फिजिकल एक्टीविटी करे, हार्ट रेट रहेगी सामान्य
धड़कने तेज होने पर बेहोशी आती है। जिनकी हार्ट रेट ज्यादा है। उन्हें फिजिकल एक्टीविटी से मेंटेन रखना चाहिए। स्मोकिंग, अल्कोहल भी हार्ट रेट बढ़ाते हैं। यही वजह है, जो वीकएंड पर ज्यादा अल्कोहल लेते हैं। उनमें हार्ट रेट बढ़ जाती है। यह होलीडे हार्ट सिंड्रोम कहलाता है।
हार्ट रेट में उतार-चढ़ाव आना स्वास्थ्य के लिए गुड साइन
एक्सरसाइज, टेंशन, एंग्जाइटी में हार्ट रेट बढ़ना सामान्य है। थोड़ी सी एक्सरसाइज और रुटीन काम करते वक्त जरूरत से ज्यादा इसका बढ़ना नुकसानदायक है। हार्ट रेट में उतार-चढ़ाव आना स्वास्थ्य के लिए गुड साइन है। अगर उतार-चढ़ाव कम हो रहा है तो यह सही नहीं।
इसे मेंटेन रखने के लिए माॅर्निंग वाॅक करें। नमक कम लें, सैचुरेटेड फैट की मात्रा अपनी डाइट में कम करें।
एक्सपर्ट पैनल
डाॅ राहुल सिंघल, सीनियर काॅर्डियोलाॅजिस्ट, जयपुर, डाॅ. राजीव बरगट्टा, सीनियर काॅर्डियोलाॅजिस्ट, डाॅ. संजीव देवगौड़ा, काॅर्डियक सर्जन एमएमएस, जयपुर।