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Agency | May 29, 2021 | Automobile Association
फोर्टी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखा पत्र, किस्तें जमा कराने के लिए मांगा अधिक समय
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए डेढ़ महीने से जारी लाॅकडाउन से परेशान व्यापारियों की मुश्किलें बैंकों ने भी बढ़ा दी है। दरअसल, किस्तें भरने में विपफल व्यापारियों व अन्य ग्राहकों के खिलाफ बैंक कानूनी कार्यवाही के नोटिस भेज कर उनको परेशानी में डाल रहे हैं। उद्योग व व्यापार संगठन पफेडरेशन आफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) को व्यापारियों से इस संबंध् मे लगातार शिकायते मिल रही है। इसके मद्देनजर फोर्टी ने प्रधनमंत्राी नरेंन्द्र मोदी और वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर व्यापारियों को बैंक किश्तें भरने के लिए अधिक समय देने की मांग की है। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि कोविड महामारी का यह दौर व्यापार व उद्योग के लिए मुश्किल भरा है। इसलिए प्रधनमंत्राी समेत विभिन्न मंत्रियों व अधिकारियो को पत्र लिखकर राहत देने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन से व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। ऐसे मेे बैंक किस्ते भरने के लिए छह माह का मोरोटोरियम पीरियड मिलना ही चाहिए। इस अवधि लोन ब्याज को भी केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए। इससे व्यापारी फिर से खड़े हो सकेंगे। केंद्र सरकार को छोटे व्यापारियों को डायरेक्ट बेनीपिफट के लिए राहत पैकेज भी देना चाहिए।
सरकार भी आरटीओ टैक्स तीन माह के लिए माफ करे
फोर्टी के चीफ सेक्रेटरी गिरधरीलाल खंडेलवाल ने कहा कि राज्य सरकार भी आरटीओ टैक्स तीन माह के लिए माफ करे। बिजली के बिल में राहत के साथ स्टेट वैट, एंट्री टैक्स और एंटरटेनमेंट टैक्स के लिए एमनेस्टी योजना के प्रथम चरण की तिथी बढ़ाई जानी चाहिए।जीएसटी रिटर्न की तिथि 30 सितंबर तक करे
फोर्टी जीएसटी कमेटी के चेयरमैन पंकज घीया ने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट में जो रेस्ट्रेक्शन है उनको खत्म किया जाना चाहिए। व्यापारी ने जो कर चुकाया है उस पर टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए। 31 दिसम्बर तक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम को मंजूर किया जाना चाहिए। जीएसटी रिटर्न फाइल करने की तिथि को 30 सितंबर तक बढ़ाना चाहिए। व्यापारियों से ली गई लेट फीस की वापस लौटानी चाहिए।इनकम टैक्स रिटर्न की अंतिम तिथि बढ़ाए सरकार
फोर्टी अतिरिक्त महामंत्राी अभिषेक शर्मा के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न की तिथि को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए। इनकम टैक्स डेप्रिसिएशन 10 से 15 प्रतिशत करना चाहिए। इनकम टैक्स रेट स्लैब में भी छूट की दरकार है।