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Agency | Apr 13, 2021 | Travelling Destinations
जयपुर की ये 8 हेरिटेज जगह पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है
जंतर मंतर
इस पर्यटन स्थल का निर्माण राजपूत राजा सवाई जय सिंह द्वारा किया गया था। इस ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण कार्य सन् 1738 में पूरा हुआ। यहां पर दुनिया की सबसे बड़ी पत्थरों की दीवारघड़ी बनी हुई है जिसमें 20 स्थिर उपकरण लगे हुए हैं। पहले यह स्मारक ‘यतर मंतर’ के नाम से प्रसिद्ध था जिसका अर्थ संस्कृत में ‘उपकरण’ और ‘सूत्र’ था परन्तु बाद में यंतर को ‘जंतर’ के नाम से बदल दिया गया जिसका अर्थ ‘जादुई’ होता है। स्मारक में तीन मुख्य खगोलीय तालमेल यंत्राणाये है - सीमा-चरमबिंदु स्थानिक यंत्राणा, भूमध्य यंत्राणा और सूर्यपथ यंत्राणा कपाला यंत्र प्रकार। सिटी पैलेस और हवा महल के पास बने इस स्मारक में पीतल के यंत्र बेहत खूबसूरत है। इस स्मारक में अंदर की तरफ हिन्दू संस्कृत शब्दों की कलाकृतियाॅ भी की गयी है।
हवामहल
यह जयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। हवा महल ‘पैलेस आफ विंड्स’ के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध है। जयपुर शहर के बीच में बने इस स्मारक की आकर्षक पांच मंजिला महल संरचना है जो महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा सन् 1799 में कराई गयी थी। इस स्मारक के निर्माण में लाल चंद उस्ताद ने लाल और गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर का उपयोग किया। ऐसी मान्यता है कि इस पैलेस के सामने का हिस्सा हिन्दू भगवान कृष्ण के मुकुट के रूप में निर्मित किया गया है। इस महल में 953 छोटी खिड़कियां (झरोखा) है जो राजपूती वास्तु कला का शानदार उदाहरण है।
आमेर किला
आमेर किला 4 वर्ग किलोमीटर (1.5 वर्ग मीटर) में फैला हुआ है जो जयपुर से 11 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह किला उचे पर्वतों पर बना हुआ है। इसमें दर्शनीय पथदीप, दरवाजे और छोटे तालाब बने हुए है। इस किले का निमार्ण सन् 1967 में किया गया। इस किले की इमारते लाल पत्थर और मार्बल से बनी हुई है। साथ ही दीवान-ए-आम, दीवाने-ए-खास और सुख निवास भी है। महल के अंदर किया गया बारीक शीशे का काम इसकी शान बढ़ाता है। इस महल परिसर में एक मंदिर भी है जो शिला माता को समर्पित है।
जयगढ़
इस किले का निर्माण सन् 1726 में सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा कराया गया। यह किला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है। इस किले का निर्माण मूल रूप से आमेर किले की रक्षा करने के लिए बनाया गया था। जयपुर शहर में स्थित यह किला विजय किला के नाम से भी प्रसिद्ध है। जयपुर से 15 किमी की दूरी पर स्थित यह किला राजा और शाही परिवार के लिए एक आवासीय स्थान के रूप में बनाया गया था।
सिटी पैलेस
जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा सन् 1729 में किया गया। इसमें कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग है जो राजस्थानी और मुगल वास्तु कला को दर्शाते हैं। इस पैलेस के परिसर में ‘चंद्र महल’ और ‘मुबारक महल’ जैसे महत्वपूर्ण भवन भी है। सिटी पैलेस की इमारतों का निर्माण लाल और गुलाबी पत्थर से किया गया है। भवन शैली राजपूत, मुगल और यूरोपियन शैलियों का अतुल्य मिश्रण है।
अल्बर्ट हाॅल
लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से मिलती-जुलती वास्तुकला के कारण इस म्यूजियम को अल्बर्ट हाॅल का नाम दिया गया। यह म्यूजियम भारतीय-अरब शैली का प्रतीक है जिसका निर्माण कर्नल सर स्विंटन जैकब ने सन् 1876 में किया। इस संग्रहालय का निर्माण प्रिंस आफ वेलस किंग एडवर्ड सप्तम की भारत यात्रा पर उनके सत्कार के लिए किया गया। इसमें मिनिएचर पेंटिंग, कालीन, मेटल और लकड़ी के शिल्प, खिलौने, गुडिया, शस्त्रा और हथियार आदि प्रदर्शित हैं।
नाहरगढ़ किला
टाइगर पफोर्ट के नाम से प्रसिद्ध यह किला अरावली श्रृंखला के बीच स्थित हैं नाहरगढ़ का अर्थ ‘बाघों का निवास’ है। इस किले का नाम नाहरगढ़ नाहर सिंह के नाम पर रखा गया है। यह किला सन् 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित किया गया और सन् 1880 में महाराजा सवाई माधे सिंह द्वारा किले की विशाल दीवारों का वापस निर्माण किया गया। यह किला पहले सुदर्शनगढ़ नाम से प्रसिद्ध था। नाहरगढ़ किले के पास देखने के कई आकर्षण हैं जैसे मोम संग्रहालय, मूर्तिकला पार्क, पड़ाव रेस्टोरेंट आदि।
जलमहल
जलमहल ‘पानी’ और ‘महल’ शब्द का मिश्रण है। यह महल जयपुर शहर से 5 किमी दूर स्थित है। इस महल का निर्माण राजपूत और मुगल वास्तु कला के अनुसार 18वीं शताब्दी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा किया गया। जयपुर के मानसागर सरोवर के बीच स्थित जलमहल अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह महल झील के बीचों बीच बसा हुआ है इसलिए इसे ‘आईबाॅल’ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें पांच खूबसूरत मंजिल है जिसमें से चार पानी के अंदर रहती है। राजस्थान सरकार ने इसे सुरक्षा की दृष्टि से संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है।