+91-9414076426
Avnish Jain | Jul 15, 2023 | Editorial
आधारभूत ढांचे की पोल
यदि शहरों के विकास का यही हाल रहा तो कभी दूर नहीं होंगी समस्याएं
देश के एक बड़े हिस्से में मानसून के आगमन ने गर्मी और उमस से राहत तो दी, लेकिन इसी के साथ जलमग्न अंडरपास और सड़कों पर जलभराव ने छोटे-बड़े शहरों के आधारभूत ढांचे और वर्षा जल निकासी व्यवस्था की पोल भी खोल दी। अनेक शहरों में सड़कों पर जलभराव के चलते कारें एवं अन्य वाहन डूब से गए। कहीं-कहीं सड़कें धंस गईं और नाले उफना गए। लोग ट्रैपिफक जाम से त्रास्त हुए और उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में अच्छी-खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई जगह हादसे भी हुए, जिनमें लोगों की जान पर बन आई। कुछ शहरों में स्कूलों की छुट्टी तक करनी पड़ी। कहीं-कहीं ऐसे दृश्य दिखाई दिए जैसे सड़कों पर बाढ़ आ गई हो। इसके चलते आनंद देने वाली वर्षा मुसीबत बन गई। चूंकि जलभराव जनित समस्याओं से दिल्ली और मुंबई जैसे शहर भी दो-चार हुए, इसलिए यह आसानी से समझा जा सकता है कि छोटे एवं मझोले शहरों में क्या हुआ होगा?
इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि सड़कों, रेलवे ट्रैक आदि को जलभराव का सामना पहली बरसात में ही करना पड़ा। यह समझ आता है कि कहीं पर एक सीमित समय में अनुमान से अधिक बारिश हो जाए तो जल निकासी की व्यवस्थाएं अपर्याप्त सिद्ध हो जाती हैं, लेकिन इसका कोई औचित्य नहीं कि सामान्य बरसात में ही हमारा शहरी जीवन कष्टों से घिर जाए।
वैसे तो सदैव की तरह इस बार भी बरसात के आगमन के पहले नगर निकायों की ओर से ऐसे दावे किए गए थे कि जल निकास प्रणालियों की साफ-सफाई करने के साथ ऐसी व्यवस्था कर ली गई है कि लोगों को बारिश में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन ऐसे सारे दावे हमेशा की तरह थोथे साबित हुए। यह पहली बार नहीं हुआ। ऐसा हमेशा से होता आ रहा है।
इससे इन्कार नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास हुआ है, लेकिन यह मानने के भी अच्छे-भले कारण हैं कि यह उतना टिकाऊ और भरोसेमंद नहीं, जितना होना चाहिए। यह एक तथ्य है कि नई सड़कें और यहां तक कि राजमार्ग एवं उनके इर्द-गिर्द बने अंडरपास थोड़ी सी ही वर्षा में जलमग्न हो जाते हैं। नगर प्रशासक, नगर नियोजक, इंजीनियर आदि इससे भली तरह परिचित हैं कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन पता नहीं क्यों वे ऐसा निर्माण करते हैं, जो कामचलाऊ सिद्ध होता है।
यदि शहरों के आधारभूत ढांचे का विकास इसी तरह अनियोजित और अदूरदर्शी तरीके से होता रहा तो वे कभी समस्याओं से उबर ही नहीं पाएंगे। नगरों के आधारभूत ढांचे का सही तरह से विकास न हो पाने का एक बड़ा कारण है कि जो भी लोग निर्माण कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं, उन्हें जवाबदेह नहीं बनाया जाता। इसीलिए मानकों की अनदेखी कर आधारभूत ढांचे का निर्माण होता रहता है और वह संकट खड़े करता रहता है।