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Avnish Jain | Dec 31, 2020 | Editorial
हैप्पी न्यू ईयर, इंडिया ! अंग्रेजी साल के पहले दिन के लिए दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग एक दूसरे को बधाई देते है। भले ही हमारा नववर्ष एक जनवरी से नहीं आरम्भ होता है, लेकिन पश्चिमी बयार का यह एक ऐसा दिवस है, जिसे हमने मन से स्वीकार कर लिया है। इस दिन हम जात-पांत, धर्म-पंथ को भुलाकर एक-दूसरे को नववर्ष मंगलमय होने की बधाई देते हैं। अधिक्तर लोग जानते हैं कि यह दिन अन्य दिनों से कुछ बहुत ज्यादा फर्क वाला भले ही न हो, फर भी हम चाहते हैं कि हम हर जानने वाले को इस दिन और उसके बाद आने वाले पूरे साल के सभी दिनों के अच्छा बीतने की शुभकामनायें जरूर दें। हम यह भी चाहते हैं कि जो हमें जानते हैं या शुभचिंतक हैं, वे हमें भी इसी प्रकार से शुभमामनायें दे।
वर्ष 2020 पूरे विश्व के लिये एक भयावह यादगार बन कर ही याद में लाया जायेगा, क्योंकि देश ही नहीं वरन् पूरे विश्व का कोई भी ईन्सान किसी ना किसी प्रकार से वर्ष 2020 के दुष्प्रभाव से अछुता नहीं है। कोविड 19 महामारी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की अन्य विपदाओं जैसे बाढ़, तुफान, आर्थिक मंदी, ग्रहण आंदोलन आदि से हरेक प्राणी को किसी ना किसी प्रकार से सामना करना पढ़ा है। नये वर्ष के आगमन पर नयी उम्मीदों के साथ हमें 2021 का स्वागत करना चाहिये क्योंकि परिस्थितियां सदैव एक जैसी ना तो रही है और ना ही रह सकती है। यह वह एक दिन है, जिसके दौरान जो कुछ भी हमारे साथ घटता है, जो भी हमें मिलता है, जहं भी हम जाते हैं, उन सबका प्रभाव हमें वर्ष भर याद रहता है, तभी नववर्ष के दिन कोई उधर न लेता न देता है, इस दिन लोग मांगना भी टालते है और बुरी खबर को भी एक दिन रोक लेते है।
हमारे घर, शहर, देश व दुनिया भर में जो भी कुछ आज के बाद एक साल तक होगा, वह बीते हुए वर्ष की घटनाओं को प्रभावित करेगा, पिफर भी सब कुछ शुभ होने की बधई हम जरूर देते है और यहि आज के दिन की सबसे बड़ी ताकत है। सारी की सारी सच्चाइयों के जानने के बावजूद हम सारी दुनिया को ‘हैप्पी न्यू ईयर’ कहते है। कुछ तो है इस दिन में जो कि हमें सब कुछ भूलकर बधई देने कि प्रक्रिया में ले आता है, कितना अच्छा हो कि यही भावना अगले पूरे वर्षभर हमारे मन में बनी रहे। आज जब हम पूरी देश की सपफलताओं और असपफलताओं की नई कहानी के नित नऐ अध्याय लगभग रोज पढ़ व गढ़ रहे हैं, क्या अच्छा हो कि नया वर्ष शुभ की जगह हम हर दिन शुभ की भावना को अपने अंदर जगाएं।
परम्परागत रूप से नए साल के एक-दो दिन पहले से ही उत्सव का माहैल हो जाता है। घूमना, पिफरना, पार्टी नाच-गाना और भी बहुत कुछ इस समय की योजना का हिस्सा होता है। यह तो हुआ अपना सेलीब्रेशन, लेनि क्या हम कुछ ऐसा भी कर सकते हैं कि अपने साथ दूसरों को भी कुछ अच्दा लगे? इससे निश्चय ही हमारी खुशी दोगुनी हो जाएगी। आपके, हमारे, हम सबके ऐसा सोचने पर ही हम बदलेंगे, समय भी बदलेगा, क्यों न इस दिन के लिए नया बधई संदेश ‘सभी को नववर्ष मंगलमय हो’ बोला जाये या भेजा जाय।