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Agency | Jan 17, 2023 | Automobile News
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को इस साल भी ग्रोथ की स्पीड बने रहने की उम्मीद
साल 2022 भारतीय व्हीकल इंडस्ट्री के लिए बेहतरीन साबित हुआ है। आपूर्ति श्रंखला की बाधाओं और सेमीकंडक्टर की कमी का असर होने के बावजूद वर्ष 2022 में यात्राी व्हीकल (पीवी) खंड में रिकाॅर्ड सेल्स दर्ज किए जाने की संभावना दिख रही है। लेकिन दोपहिया व्हीकल्स की सेल्स में साल के अधिकांश समय तक उछाल नहीं देखी गई है।
वाहन इंडस्ट्री के मुताबिक इस साल यात्राी व्हीकल्स की सेल्स करीब 38 लाख इकाई तक पहुंच सकती है। तिपहिया और वाणिज्यिक व्हीकल खंड में भी पिछले साल की तुलना में अच्छी वृद्धि देखी गई है। व्हीकल विनिर्माता इस गति को अगले साल में भी जारी रखने के लिए उत्सुक होंगे।
इंडस्ट्री पर्यवेक्षकों के मुताबिक, वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने में भी तेजी देखने को मिलेगी। वर्ष 2022 में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेल्स में तेजी देखी गई है खासकर दोपहिया खंड में। हालांकि नए साल में व्हीकल खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए खबर शायद अच्छी न हो। इसकी वजह यह है कि अगले साल व्हीकल की कीमतें बढ़ने वाली हैं। कम्पनियां एक अप्रैल, 2023 से सख्त उत्सर्जन मानंदडों के अनुरूप खुद को ढालने और प्रोद्योगिकी को अपनाने पर आने वाली लागत का बोझ खरीदारों पर ही डालेेगे।
मारुति सुजुकी , टाटा मोटर्स और हुंदै जैसी कई कम्पनियां पहले ही कह चुकी है कि वे जनवरी से कीमतें बढ़ाने जा रही हैं। इसके अलावा, बढ़ती ब्याज दरों और बिगड़ती वैश्विक आर्थिक स्थिति का आने वाले दिनों में भारत पर पड़ने वाला असर भी भारतीय व्हीकल इंडस्ट्री को सतर्क रहने को मजबूर किए हुए है।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, कीमत में वृद्धि का हमेशा सेल्स पर एक निश्चित नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन हमें अभी नहीं मालूम है की कीमतें कितनी बढ़ेंगी और इनपुट लागत और विदेशी मुद्रा विनिमय की क्या स्थिति होगी। ऐसी अनिश्चिताएं हमेशा बनी रहेंगी। हालांकि उन्होंने कहा कि घरेलू कार इंडस्ट्री में पिछले कुछ महीनों में नई जान आई है और सेमीकंडक्टर की किल्लत भी 2023 में समाप्त होने जा रही है। भार्गव ने कहा, हमारा अनुमान होगा कि अगला साल शायद इंडस्ट्री के लिए कापफी अच्छा साल होगा। हमें अगर 2022 से बेहतर नहीं तो कम-से-कम इतना अच्छा प्रदर्शन करना ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए कारों, विशेष रूप से अधिक एसयूवी माॅडल पेश करती रहेगी। व्हीकल इंडस्ट्री के निकाय सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि यात्राी व्हीकल इंडस्ट्री ने अप्रैल 2022 से ईंध्नन दक्षता नियमों के दूसरे चरण को अपनाया था और अप्रैल 2023 से बीएस-6 उत्सर्जन मानदंड़ों के दूसरे चरण को भी पूरा करने के लिए कमर कस रहा है। उन्होंने कहा कि 2023 में यात्री व्हीकल के लिए विभिन्न नए सुरक्षा नियमों को लागू करने पर भी चर्चा चल रही है। लेकिन नए मानकों को लागू करने से व्हीकल की लागत बढ़ सकती है और वैश्विक मंदी के रुझान के साथ मिलकर यह वर्ष 2023 में चिंता की सबब बन सकता है।
इसके अलावा बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ ब्याज दरों में लगातार हुई बढ़ोतरी की मांग को प्रभावित कर सकती है। हालांकि महिंद्रा एंड महिंद्रा (एम एंड एम) के कार्यकारी निदेशक (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर इंडस्ट्री की मौजूदा सेल्स गति को बनाए रखने के बारे में आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, एमएंडएम में सभी माॅडल निर्धरित मानकों के अनुरूप बीएस-6 मानदंड़ो का पालन करेंगे। कीमत एवं लागत का अंतर उतना अधिक नहीं होना चाहिए जितना बीएस-4 से बीएस-6 संक्रमण के समय रहा था। टाटा मोटर्स के प्रबंध् निदेशक (यात्री व्हीकल एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल) शैलेश चंद्र ने कहा कि इंडस्ट्री पर मुद्रा स्फीति के दबाव जैसे व्यापक आर्थिक कारकों के प्रभाव को देखना होगा। उन्होंने कहा, मैं कहूंगा कि इस साल उच्च वृद्धि होने जा रही है लेकिन अगले साल उच्च आधर प्रभाव होने और तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच वृद्धि के स्तर के बारे में कुछ कहना मुश्किल होगा।