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Agency | Nov 18, 2021 | Automobile News
अगले 6 महीने में काॅमर्शियल यूज के लिए ईवी की डिमांड बढ़ जाएगी 15 गुना
पेट्रोल की बेहद ऊँची कीमतों के चलते टू-व्हीलर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का एडोप्शन तेजी से बढ़ रहा है। अब पर्सनल मोबिलिटी के साथ ही काॅमर्शियल यूज के लिए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड में जबर्दस्त बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। फ्यूल कीमतों के रिकाॅर्ड लेवल पर होने के साथ ही सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट्स द्वारा घोषित किए गए इंसेंटिव एवं ई-काॅमर्स कंपनियों द्वारा लास्ट-माइल डिलीवरी फ्लीट को इलेक्ट्रिफाई करने पर किए जा रहे पफोकस के चलते अगले 6 महीने में काॅमर्शियल यूज के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड 15 गुना बढ़ने का अनुमान है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए फाइनेंसिंग मुहैया कराने वाली कम्पनी रेवफिन के सीईओ समीर अग्रवाल का कहना है कि पिछले 6-9 महीने में कई कंपनियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने की आवश्यकता महसूस हुई है। सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट्स ने बड़े स्तर पर पिछले कुछ दिनों में इंसेंटिव घोषित किए हैं जिससे कंज्यूमर्स के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की एफोर्डेबिलिटी काफी बढ़ गई है। अग्रवाल के मुताबिक जुलाई व अगस्त 2021 में ही प्री-कोविड पीरियड की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड में 3 गुना की बढ़त दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि क्रूड ऑइल के इंपोर्ट को कम करने व पाॅल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए सरकार ई-मोबिलिटी ऑपशंस के यूज को एग्रेसिव रूप से प्रमोट कर रही है। यही कारण है कि सभी प्रमुख ई-काॅमर्स कम्पनियों ने अब अपनी डिलीवरी फ्लीट को इलेक्ट्रिक बनाने पर फोकस करना शुरू कर दिया है। ई-काॅमर्स कम्पनियों द्वारा पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में ई-व्हीकल्स के लिए ऑर्डर्स भी दिए गए हैं।
अग्रवाल का मानना है कि ईवी सेगमेंट में मोमेंटम पहले से ही देखा जा रहा है व अगले 9-12 महीनों में बड़ी स्केल पर ईवी की सेल्स होने की उम्मीद है। एक अनुमान के अनुसार अगले 5 वर्षों में काॅमर्शियल यूज के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मार्केट का साइज बढ़कर 15-20 बिलियन डाॅलर हो जाएगा। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं। ईवी के तेज एडोप्शन के लिए इकोनाॅमिक्स प्रमुख पहलू है। गौरतलब है कि काॅमर्शियल यूज के लिए पेट्रोल या डीजल व्हीकल की रनिंग काॅस्ट जहां 4 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ती है वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मामले में यह 1 रुपए प्रति किलोमीटर यानि 25 प्रतिशत ही है। अग्रवाल के अनुसार दिल्ली, मध्यप्रदेश, ओडीशा, झारखंड, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब व हरियाणा में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड में बड़ा इजापफा देखा जा रहा है।
नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत ने भी हाल ही में कहा था कि अगले 2 वर्ष में सभी अर्बन डिलीवरी व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट हो जाना चाहिए।