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Agency | Oct 27, 2021 | Expert View
इलेक्ट्रिक वाहन: 5 साल में 10 गुना बढ़ा बाजार
22,000 इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे भारत में वित्त वर्ष 2015-16 में
2,36,802 इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे भारत में वित्त वर्ष 2021-21 में
पेट्रोल और डीजल आसमान छूती कीमतों की वजह से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर आम लोगों में उत्सुकता बढ़ती जा रही है।
हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक के एक लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर बुक होने की खबर से ईवी के प्रति बढ़ते उत्साह की ही पुष्टि होती है।
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के साथ- साथ प्रदूषण की बढ़ती समस्या की वजह से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को लेकर आम लोगों की उत्सुकता हाल के दिनों में काफी बढ़ी है। हालांकि देश के समग्र ऑटो मार्केट में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी बहुत कम है, ताजा आकंड़ों के अनुसार तकरीबन एक पफीसदी। लेकिन इस सेक्टर को लेकर देश में अनुकूल माहौल बनाने के लिये सरकार और इण्डस्ट्री तरपफ से जिस तरह की सक्रियता दिखाई जा रही है, उससे लगता है कि इस सेक्टर का विस्तार आने वाले समय में तेजी से होगा। सोसायटी ऑफ मैन्युपैफक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अनुसार भारत में 2015-16 में करीब 22 हजार इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे, जिनकी संख्या 2020-21 में 2 लाख 36 हजार हो गई, यानि 5 साल में बाजार 10 गुना तक हो गया।
ये हैं 5 मूलभूत चुनौतिया
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
ईवी सेगमेंट को लेकर फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है। देश में पब्लिक चार्जिंग सिस्टम की भारी कमी है, सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की रिपोर्ट के मुताबिक देश में मार्च 2021 तक केवल 1800 चार्जिंग स्टेशन थे, जिनसे केवल 16200 कारें ही चार्ज हो सकती है। वहीं ग्रांट थॅार्नटन भारत-फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को अगले पांच सालों में यानि वर्ष 2026 तक अनुमानित रूप से सड़कों पर चलने वाले 20 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये तकरीबन 4 लाख चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत होगी।
रैंज
दूसरी सबसे बड़ी चुनौती रैंज को लेकर है। रैंज का मतलब है एक बार चार्जिंग के बाद वाहन कितने किमी चलेगा। जहां तक रैंज की बात है, लोग 2 पहिया और 3 पहिया ई-वाहनों से एक बार बैटरी के फुल चार्ज होने पर कम से कम 150 किलोमीटर की रैंज अपेक्षा रखते है। वहीं ई-कारों के लिये यह रैंज 200 से 300 किलोमीटर तक होनी चाहिए। हालांकि अभी इतनी रैंज भारत में उपलब्ध् ई-वाहनों में कुछ गिने चुने माॅडलों में ही है। ऑटोमोबाइल कम्पनियां इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।
कीमत
अधिक कीमत इसे लोकप्रिय नहीं होने दे रही है। ई-कारों की कीमत ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह लिथियम आयन बैटरी की कीमत का काफी ज्यादा होना है। एक ई-कार की कुल कीमत का 40 से 50 प्रतिशत कीमत लिथियम आयन बैटरी (एसीसी बैटरी) की होती है। कारों में उपयोग में आने वाली एक औसत लिथियम बैटरी की कीमत फिलहाल 5 लाख रुपये से ज्यादा है। अगर देश में लिथिमय आयन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू हो जाये तो आने वाले समय में इनकी कीमतों में गिरावट आयेगी और ई-वाहनों खासकर ई-कारों की कीमतों में भी कमी आयेगी।
बैटरी व अन्य कलपुर्जे
ईवी वाहनों में प्रयुक्त की जाने वाली लिथियम आयन बैटरी के लिये हम पूरी तरह से आयात और वह भी चीन पर निर्भर है। लिथियम की माइनिंग और भण्डार के मामले में भी चीन दुनिया के अग्रणी देशों में है। बैटरी के अतिरिक्त ई-वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य एसेसरीज/पुर्जों के लिए भी भारत की निर्भरता आयात पर है। हालांकि केन्द्र सरकार ने लिथियम आयन बैटरी का देश में उत्पादन बढ़ाने के लिये कई तरह की छूट की भी घोषणा की है।
बिजली
ईवी की लोकप्रियता के बाद बिजली की मांग काफी बढ़ जायेगी। हमारे देश में करीब तीन चैथाई बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। इसलिए क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को संदेह है कि एक तो बैटरी की आयात पर निर्भरता और दूसरे बिजली की बढ़ती मांग से हो सकता है यह उतना आकर्षक विकल्प ना बन पाये। या तो फिर लिथियम आयन बैटरी का ऐसा विकल्प निकाला जाये, जिसमें प्रयुक्त होने वाले रसायनों/ धातु की देश में कोई कमी नहीं हो या कम से कम रीसाईकिलिंग को लेकर हमारी क्षमता काफी बेहतर हो।
चार्जिंग स्टेशनों पर काम शुरू
इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास के तहत टाटा इस दिशा में बहुत तेजी से काम कर रही है। लोगों की रैंज की चिंता को दूर करने, बैटरी की लागत को कम करने और चार्जिंग के बुनियादी ढ़ांचे की कमी को दूर करने की दिशा में कदम उठाये गये है। टाटा मोटर्स अब भारत में 700 से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर चुकी है। आने वाले समय में हम चार्जिंग स्टेशनों का नये राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित करने के अपने मिशन में एक कदम आगे बढ़ रहे है। पारंपरिक ईंधन की कीमतों में वृद्धि और लिथियम आयन बैटरी की कीमतों में कमी के ट्रेंड से आने वाले सालों में इलेक्ट्रोनिक वाहनों को अधिक मान्यता मिल सकेगी।
सरकार के प्रयास
पीआईएल
केंद्र सरकार ने बीते महीने 15 सितम्बर को घरेलू ऑटो सेक्टर के लिये प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम यानी पीआईएल की घोषणा की। यह स्कीम वित्त वर्ष 2023 से अगले 5 वर्ष की अवधि तक के लिये प्रभावी होगी, जिसका लाभ केवल इलेक्ट्राॅनिक व्हीकल और हाइड्रोजन फ्रयूल सेल व्हीकल बनाने वाली कम्पनियों को मिलेगा। इससे ईवी को प्रोत्साहन मिल सकेगा।
फेम इण्डिया योजना
ईवी सेगमेंट को बढ़ावा देने और इसको लेकर उचित वातावरण (इकोसिस्टम) विकसित करने को लेकर सरकार ने इसी वर्ष जून में फेम इण्डिया योजना के दूसरे चरण को 2 साल यानी 31 मार्च 2024 तक के लिये बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड गाड़ियों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ाना है।
आयकर में छूट
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर बजट 2019 में सरकार ने व्यक्तिगत करदाताओं के लिये धारा 80 ईईवी के तहत आयकर में छूट की घोषणा की थी। जो वित्त वर्ष 2022-23 तक जारी रहेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए एक अप्रेल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच स्वीकृत लोन पर डेढ़ लाख रुपये तक के ब्याज पर डिडक्शन का फायदा मिलेगा
जीएसटी में कमी, सब्सिडी
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को घटा कर 12 फीसदी से 5 फीसदी कर दिया है। कई राज्य सरकारों द्वारा भी इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये नीतियों की घोषणा की है जिसमें विभिन्न तरह की छूट शामिल है। अनेक राज्यों मसलन दिल्ली, तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड़ टैक्स, रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट है।
एडिसन ने बनाई थी बैटरी वाली पहली कार
ऐसा रहा 120 साल में ईवी का सफर
1901 थाॅमस अल्वा एडिसन ने पहली हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार बनाई।
1973 जीएम ने ईवी का पहला प्राटोटाइप जारी किया।
1974 यूएस कम्पनी सेबरिंग-वैनगार्ड ने 2000 सिटीकार ईवी बनाई।
1996 जीएम ने पहली बार म्ट1 नाम से व्यापक तौर पर इलेक्ट्राॅनिक कारें बनाई।
1997 टोयोटा ने प्रियस नाम से हाईब्रिड कार लाॅन्च की।
2008 टेसला ने रोडस्डर ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू किया।
2009 अमेरिका में 4 साल में 18 हजार चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए।
2017 भारत सरकार ने घोषणा की कि 2030 के बाद केवल ईवी ही बेची जाएगी।
2020 टेसला ने हर साल 10 लाख ईवी बेचने का टारगेट सेट किया।
2021 टाटा मोटर्स ने केवल 4 माह में नेक्साॅन ईवी की 6,000 यूनिट्स की बिक्री की।
Celsa Whiteside 1 year ago
Hello parivahansampda.com Administrator, very same below: Link Text