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Avnish Jain | Oct 27, 2023 | Editorial
काल चक्र तेजी से घूमता जा रहा है। देखते ही देखतेे ‘परिवहन सम्पदा’ पत्रिका ने भी 42 वर्ष की आयु पूरी कर ली है। अब यह योवन अवस्था से गुजर रही है। इसका यह 938वां पुष्प ‘‘दीपावली विशेषांक’’ आपके हाथों में सौपते हुए अत्यधिक प्रसन्नता है। निश्चित रूप से परिवहन सम्पदा ने गत 42 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके पीछे मेरा श्रम व सत्यनिष्ठा पूर्वक पत्रिका के कवरेज को समयानुकूल सुसज्जित करना तो है ही लेकिन उससे भी अधिक इस क्षेत्र के व्यवसायकों (पाठकों) का जो सहयोग तन-मन-धन से मिला है वो ही इस पत्रिका की प्रगति का आधार बना है।
समय बहुत तेजी से बदला है व्यवसाय का सारा ट्रेंड ही बदल गया है। आज कम्पटीशन का युग है पहले व्यापार में मोनोपॉली रहती थी। जिन्होंने समय के साथ अपने को बदल लिया वे स्थिर है और जिन्होंने नहीं बदला वे विदा हो गये। समय बहुत तेज गति से बदल रहा है। जो कल था वह आज नहीं है और जो आज है वह कल नहीं रहेगा। आज हिन्दुस्तान के पास ऐसा लोहपुरुष विद्यमान है जिन्होंने गत 50 वर्षों से लकवा ग्रस्त राजनीति को न केवल गतिशील बनाया है बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी क्रांति का सूत्र पात कर दिया है आने वाला समय खुले बाजार का युग होगा। ग्राहक चतुर होगा उसे एक गज कपडे़ को चार गज बनाकर नहीं बेचा जा सकेगा। उसके पास अनेक विकल्प होंगे। सरकार की ओर से उदार आर्थिक नीतियां तो बनाई ही जावेंगी साथ ही बेईमानी पर भी अंकुश लगेगा। हम सबको भी इसी के अनुरूप बदलना होगा।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कार्यरत व्यवसायकों के लिये परिवहन सम्पदा ने भी आपके व्यापार को परिष्कृत व परिवर्तित करने व समय की बचत कराने के लिये एक छोटा सा प्रयास ई-सर्विसेज के नाम से एक पोर्टल ( वेबसाइट ) नये रूप में तैयार कर रहा है जिसके अन्तर्गत आपको अपने व्यापार से सम्बन्धित समस्त जानकारी ओर विस्तृत रूप से उपलब्ध हो सकेगी। उत्पादक यदि बाजार चाहेगा तो उसे बाजार की समस्त जानकारी इस से उपलब्ध होगी और यदि बाजार किसी भी उत्पाद की जानकारी चाहेगा तो वह भी उपलब्ध होगी। विदेशों की अनेक कम्पनियों का ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी प्रवेश होगा और भारतीय उत्पादकों को उनसे भी गुणवत्ता व रेट्स में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। जिसके पास जितनी अधिक जानकारी होगी वह उतना ही अपने व्यापार में वृद्धि कर सकेगा। ‘परिवहन सम्पदा’ का यही उद्देश्य है कि अपने क्षेत्र में कार्यरत सभी ईकाइयों को अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करावे।
प्रिय बन्ध्ुओं भारतीय संस्कृति में दीपोत्सव का सनातन काल से महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसके साथ ही अनेक कथायें भी इस पर्व के साथ जुड़ी हुई है लेकिन वास्तव में यह पर्व प्यार व सद्भावना का पर्व है। कहा भी गया है- ‘‘दीप से दीप जलाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो’’ तो आइये इस मंगलकारी दीपावली के पुनीत पर्व पर दीप प्रज्वलित करने के साथ ही अपने मन में भी प्यार का दीप प्रज्वलित करें जो विश्व को तिमिर से निकालकर आलोकित करता रहे। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ-
शुभ दीपावली-शुभ उत्सव, शुभकारी व शुभफलदायी।
शुभ दीपोत्सव, शुभ सन्देश व शुभगुणकारी।
शुभ सिद्धिदायी शुभ कामना है, शुभअवसर पर,
शुभ पर्व हो शुभलाभदायी।
शुभ उन्नति का शुभ अन्तरिक्ष, मिले शुभ मार्ग।
हो शुभ ईष्टदायी अत्यन्त शुभ मंगलकारी।
आपके लिये यह दीपावली।