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Auto Desk | Apr 09, 2021 | Heavy Commercial Vehicles
कोविड-19 लाॅकडाउन के बाद से पैसेंजर कमर्शियल व्हीकल्स में बस सेगमेंट को अभी भी डिमांड रिकवरी का इंजतार है। हालांकि कंपनियों को स्टापफ सेगमेंट और राज्यों के ट्रांसपोर्ट काॅर्पोरेशन से कुछ उम्मीदें हैं क्योंकि वे एक वर्ष में 5000 से ज्यादा बसें अपने बेड़े में शामिल कर सकते हैं।
लाॅकडाउन के बाद जब पांबदियां हटी, तब डिमांड बढ़ने की उम्मीद थी। अगले 6 महीनों में अन्य सेगमेंट्स में डिमांड दिखी। इंडस्ट्री का आकलन है कि बसों के टोटल वोल्यूम में पिछले वर्ष की तुलना में करीब 90 पफीसदी की कमी आई है। लाकडाॅउन के दौरान स्कूल अस्थायी रूप से बंद हो गए, एंप्लाईज वर्क-फ्रोम-होम करने लगे और बसों का चलना बहुत कम हो गया। इसका असर बस सेगमेंट पर पड़ा।
टाटा मोटर्स के वाइस-प्रेसिडेंट लाइन ;बस सेगमेंटद्ध रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि बस इंडस्ट्री स्टाफ डिमांड के भरोसे चल रही है। पिछले 3-4 महीनों में देश के ज्यादातर हिस्सों में आफिसेज खुल रहे हैं, जिससे मैन्युपफैक्चरिंग व फार्मा जैसे स्पेसिफिक सेक्टर्स की तरफ डिमांड बढ़ रही है। स्कूलों की तरपफ से डिमांड नहीं है, क्योंकि राज्यों ने अभी तक स्कूल बहाल करने का फैसला नहीं किया है। कुछ राज्यों में सीनियर क्लासेज के स्टुडेंट्स को स्कूल जाने की अनुमति दी है। जब ज्यादा राज्यों में स्कूल शुरू हो जाएंगे, तब फाइनेंशियल इयर 2021 के चौथे क्वार्टर में डिमांड बढ़ने की संभावना है। पिछले फाइनेंशियल इयर में टाटा मोटर्स की कुल पैसेंजर कमर्शियल व्हीकल्स यानि बसों की सेल पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसदी रही । इस फाइनेंशियल इयर में पैसेंजर सीवी की डिमांड कोविड-19 के कारण कम रही, जो कम्पनी के कुल सीवी वोल्यूम से 3-5 फीसदी कम हैं श्रीवास्तव ने कहा कि कम्पनी नई टेक्नोलाॅजी की मदद से ओनरशिप की टोटल काॅस्ट सबसे कम करेगी, जिसके बाद इस कठिन समय में प्रोफिटेबिलिटी भी बढ़ती नजर आएगी।
अशोक लीलैंड के चीपफ आपरेटिंग आफिसर अनुज कथूरिया ने कहा कि बस सेगमेंट में ग्रोथ का इंतजार है, क्योंकि स्कूल अभी बंद हैं। हालांकि हाल ही के कुछ महीनों में फिक्स्ड ट्रैवल में डिमांड बढ़ी है। उन्होंने बताया कि कुछ स्टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (सटीयू) ने टेंडर जारी किए हैं, जिनमें दिल्ली, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, बिहार, चंडीगढ़ और अन्य राज्य शामिल हैं।