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RADA | Feb 11, 2021 | Automobile Association
आल इंडिया स्पेयर पार्ट्स डीलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सुरेश अग्रवाल ने बताया कि देश की आटो कम्पनियां लम्बे वक्त से स्क्रैपेज पाॅलिसी लाने की मांग कर रही थीं। इनकी यह मांग इस बार के बजट में पूरी हो गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 15 साल पुरानी काॅमर्शियल गाड़ियों और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियों को कबाड़ में बदला जा सकेगा। हालांकि, यह पाॅलिसी पिफलहाल स्वैच्छिक होगी। यानी अगर आप स्क्रैप न करना चाहें, तो पिफटनेस सर्टिपिफकेट लेना होगा। अभी नियम और शर्ते क्या होंगी, कितना इंसेंटिव दिया जाएगा, ये सभी बातें अलग से सड़क और परिवहन मंत्रालय जारी करेगा। राजस्थन आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश भामोदिया ने बताया ज्यादातर आटो कम्पनियों ने इस पाॅलिसी का स्वागत किया है, लेकिन अभी पूरी पाॅलिसी सामने आने का इंतजार है। हालांकि, इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इसका पिफलहाल ज्यादा असर नहीं होगा। अगर स्क्रैपेज गाड़ियों की उम्र कम रखी जाती और इंसेंटिव ज्यादा होता, तो लोगों में पुरानी कार को स्क्रैप करके नई कार लेने का ट्रेंड जोर पकड़ेगा। लगभग पूरी इंडस्ट्री इसे एक सकारात्मक कदम बता रही है, जिसका पफायदा आगे चलकर दिखेगा। राजस्थान आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के सचिव नरेश सिंघल ने बताया कि अगर इसके हिसाब से 1990 को आधर मानें तो इस दायरे में करीब 37 लाख कमर्शियल और 52 लाख पैसेंजर गाड़ियां आ रही है। अब हमें देखना यह है कि इस पाॅलिसी में कितने और किस तरह के इंसेंटिव का ऐलान किया जाता है। उसके बाद यह पता लग पाएगा कि इसका कितना सकारात्मक असर पडने वाला है, क्योंकि लोग इंसेंटिव देखकर ही आगे आएंगे।