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जाॅइंट्स पेन में मिलेगी योग से राहत | Sep 15, 2023 | Health and Fitness
जाॅइंट्स पेन में मिलेगी योग से राहत
सुस्त लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदतों की वजह से ज्वाइंट पेन की समस्या बढ़ती जा रही है
जोड़ों का दर्द इतना परेशान करने वाला होता है कि इंसान का चलना फिरना यहां तक कि सोना भी दूभर हो जाता है। जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है जो एक या दोनों जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। यह दर्द तेज, कम, जलनशील या कम ज्यादा हो सकता है। जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों में दर्द ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें अक्सर बुढ़ापे के साथ जोड़कर देखा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ, शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं जो गठिया और जोड़ों में दर्द जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। 40 वर्ष की उम्र के बाद अधिकांश व्यक्ति जोड़ों के दर्द से पीड़ित हो सकते हैं। सही उपचार विधियों की सहायता से जोड़ों के दर्द से पीड़ित हो सकते हैं योग उपचार विधियों की सहायता से जोड़ों के दर्द को रोका और ठीक किया जा सकता है। योग जोड़ों के दर्द को कम करने में बेहतर होता है। चाहे आप गठिया या सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाले दर्द से जूझ रहे हों, योग दर्द को कम करने में मदद करता है। योग को करने से शरीर में लचीलापन, ताकत लंबे समय तक बनी रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जकड़न को कम करने और जोड़ों के दर्द को कम करने मेें भी योग काफी लाभदायक हो सकता है। चाहे आप गठिया, फाइब्रोमयल्गिया, या सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाले दर्द और दर्द से जूझ रहे हों, योग आपके लक्षणों को कम करने और आपके शरीर में होने वाली समस्या में सुधार करने में मदद कर सकता है। इस लेख में, हम योग और जोड़ों के दर्द के पीछे के विज्ञान और विभिन्न प्रकार के योगों के बारे में जानेंगे जो जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकते हैं। सुस्त लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदतों की वजह से ज्वांइट पेन की समस्या बढ़ती जा रही लोग इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन दवाओं के साइडइफेक्ट्स होते हैं और इनका असर भी कुछ समय के लिए ही होता है। घुटनों, कमर,कंधे और पीठ दर्द से स्थाई रूप से राहत पाना चाहते हैं तो सिर्फ योग ही इसका जरिया है। दर्द से राहत के अलावा, योग शरीर को टोन करता है और मन को भी शांत करता है। आइए जोड़ों के दर्द के लिए कुछ आसान और प्रभावी आसन के बारे में जानते हैं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन यानी वाॅरियर पोज घुटने को मजबूत बनाता है और कंधें के दर्द, फ्रोजन शोल्डर जैसे समस्याओं में भी राहत पहुंचाता है। कंधें के स्ट्रेस को दूर करने और शरीर में संतुलन लाने में भी ये मददगार होता है।
धनुरासन
धनुरासनयानी बो पोज कंधें को खोलता है और ज्वांइट पेन में राहत देता है। धनुरासनकरने से शरीर की स्ट्रेचेबिलिटी भी बढ़ती है और शरीर को स्ट्रेस और थकान से छुटकाररा पाने में आसानी होती है। धनुरासनआपको अध्कि शक्तिशाली यौन अनुभव पाने में मदद कर सकता है।
सेतु बंधसन
ब्रिज पोज घुटने के जोड़ों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार होता और ऑस्टियोपोसिस से पीड़ित लोगों के लिए भी ये बेहद फायदेमंद होता है। यह आपके दिमाग को भी शांत करता है और शरीर में चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
उष्टासन
उष्टासन यानी कि कैमल पोज आपके बैक बोन को अअधिक फलेक्सिबल बनाता है और कंधे के दर्द में भी आराम पहुंचाता है। पीठ के निचले हिस्से के दर्द और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और एंग्जाइटी में भी ये राहत देता है। साथ ही पीठ के निचले हिस्से के दर्द में राहत के लिए ये बेहतरीन पोज है।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन यानी ट्रांएगल पोज से घुटनों, पैरों और टखनों को मजबूती मिलती है। यह हैमस्ट्रिंग, कमर और हिप को स्ट्रेच करने में मदद करता है। साइटिका के रोगियों के लिए भी ये बेहतरीन पोज है, साथ ही पीठ दर्द में भी ये आराम पहुंचाता है।
डॉल्फिन प्लैंक पोज
डॉल्फिन प्लैंक पोज हैमस्ट्रिंग और कंधे को स्ट्रेच करता है। यह शरीर को थकान और पीठ दर्द से राहत देकर कलाई, हाथ और पैर को भी मजबूत करता है। ये पोज ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी कापफी मदद कर सकता है। जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों में दर्द ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें अक्सर बुढ़ापे के साथ जोड़ कर देखा जाता है। अंततः निष्कर्ष निकलता है कि यदि नियमित इन सभी योगासनों का अभ्यास प्रतिदिन किया जाए, जो जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती हैं और शरीर पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है।