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Agency | Jul 05, 2021 | Expert View
क्या है टीडीएस का नया प्रोवीजन 194Q
दिनांक 1 जुलाई 2021 से ‘‘माल’’ की खरीद पर टीडीएस का नया प्रावधन लागू हो रहा है जिसके तहत माल के क्रेता को अपने विक्रेता से माल की खरीद पर एक निश्चित प्रतिशत से टीडीएस की कटौती करनी है। पिछले वर्ष माल की बिक्री पर टीडीएस के प्रावधन धरा 206 (G) (1H) के द्वारा आये थे और 194 Q के टीडीएस के प्रावधन इन्हीं टीडीएस के प्रावधनों से बहुत कुछ मिलते जुलते भी हैं।
ये दोनों एक से प्रावधान आपस में भ्रम तो पैदा कर ही रहें है। 1 जुलाई 2021 से लागू होने वाले माल की खरीद पर धारा 194Q के टीडीएस के प्रावधन को समझना आवश्यक है ताकि इसका सही ढंग से पालन हो सके।
1. धारा 194Q किन खरीददारों पर लागू है
जिन खरीददारों का बीते वित्त वर्ष में टर्नओवर, सकल प्राप्तियां बिक्री 10 करोड़ रूपये से अधिक था यह टीडीएस की धारा 194 Q सिर्फ उन्हीं खरीददारों पर लागू है। इस प्रकार 31 मार्च 2021 को जो वर्ष समाप्त हुआ है उस वर्ष में जिन क्रेताओं का टर्नओवर 10 करोड़ रूपये से अधिक था उन्हीं को अपने निवासी विक्रेता से एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रूपये से उपर की खरीद होने पर टीडीएस काटना है। यह टीडीएस पहले 50 लाख रूपये की रकम छोड़ते शेष रकम पर काटा जाना है।
यदि किसी क्रेता का टर्न ओवर 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष में 10 करोड़ रूपये से कम है उन्हें इस प्रावधान का पालन नहीं करना है। इस प्रकार बहुत बड़ी संख्या में खरीददार करदाता टीडीएस के इस प्रावधन के बाहर ही रहेंगे।
इस प्रकार के क्रेता जो कि धारा 194Q के टीडीएस काटने के उत्तरदायी है उन्हें आगे इस लेख में सुविध के लिए ‘‘विशिष्ट क्रेता’’ या ‘‘क्रेता’’ कहेंगे।
2. किन विक्रेताओं से टीडीएस काटना है
किसी एक वित्तीय वर्ष में जिस भी एक विक्रेता से ‘‘विशिष्ट क्रेता’’ ने 50 लाख रूपये से अधिक का माल खरीदा है उसमें से 50 लाख रूपये से अध्कि की राशि पर 0.1ः की दर से टीडीएस काटना है। यहाँ ध्यान रखें कि यह विक्रेता आयकर प्रावधनों के अनुसार भारत का निवासी अर्थात रेजिडेंट होना चाहिए।
3. किस रकम पर टीडीएस काटना है
यह टीडीएस एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रूपये से उपर की रकम पर ही कटना है अर्थात यदि खरीद 67 लाख रूपये की है तो ‘‘विशिष्ट क्रेता’’ को टीडीएस सिर्फ 50 लाख रूपये के उफपर की रकम पर अर्थात 17 लाख रूपये पर ही काटना है। यहाँ ध्यान रखें हर वर्ष यदि टीडीएस इस धरा के तहत काटना बनता है तो हर वर्ष हर विक्रेता का शुरूआती 50 लाख रूपये को छोड़कर ही काटना होगा।
उदाहरण के लिए यदि एक क्रेता ने एक विक्रेता से 4 बार में प्रत्येक बार 70 लाख रूपये का माल खरीदता है तो इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में मान लीजिये उसने कुल 280.00 लाख का माल खरीदा तो अब उसे इसमें से 50 लाख रूपये घटा कर कुल 230.00 लाख रूपये पर ही टीडीएस काटना है।
एक बात और ध्यान रखें कि यह 50 लाख रूपये की सीमा एक वित्तीय वर्ष के लिए है इसलिए अब जब यह प्रावधान 1 जुलाई 2021 से लागू हो रहा है तो टीडीएस तो आपको 1 जुलाई 2021 के बाद की खरीद पर ही काटना है लेकिन 50 लाख की सीमा तय करते समय 1 अप्रैल 2021 से खरीद को गणना में लेना होगा।
1. उदाहरण
X एंड कम्पनी ने Y एंड कम्पनी से 1 अप्रैल 2021 से 30 जून तक 40 लाख रूपये की खरीद की है और अब 1 जुलाई 2021 को एक और खरीद इसी कम्पनी से 30 लाख रूपये की हुई है तो अब इस खरीद पर 30 लाख रूपये में से 10 लाख रूपये घटा कर 20 लाख रूपये पर टीडीएस काटना है। एक वित्तीय वर्ष की सीमा प्रति विक्रेता 50 लाख रूपये है तो X एंड कम्पनी ने 30 जून से पूर्व ही इस सीमा में से 40 लाख रूपये की खरीद कर ली है तो अब 50 लाख रूपये की सीमा में से 10 लाख रूपये ही बचे है इसलिए यही राशि 1 जुलाई 2021 को की गई खरीद में से घटाई जाएगी।
2. उदाहरण
Xएंड कम्पनी ने Y कम्पनी से 1 अप्रैल 2021 से 30 जून तक 70 लाख रूपये की खरीद की है और अब 1 जुलाई 2021 को एक और खरीद इसी कम्पनी से 30 लाख रूपये की की है तो अब इस खरीद पर 30 लाख रूपये पर ही टीडीएस काटना है। एक वित्तीय वर्ष की सीमा प्रति विक्रेता 50 लाख रूपये है तो ग् एंड कम्पनी ने 30 जून से पूर्व ही यह सीमा समाप्त हो गई है।
क्या जीएसटी जोड़ते हुए टीडीएस काटा जाना है
आप यह ध्यान रखें कि यह विवाद क्यों सामने आया है? इसका कारण भी धारा 206 (G) (1H) के तहत काटा जाने वाला टीडीएस ही है जहां केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह स्पष्टीकरण दिया था कि टीसीएस जीएसटी सहित प्राप्त पूरी रकम पर ही काटा जाना है।206 (G) (1H) माल की बिक्री से संबंधित तो है लेकिन इस पर टीसीएस की गणना पूर्ण रूप से ‘‘भुगतान प्राप्ती’’ के आधार पर होती है इसलिए सर्कुलर नम्बर 17/2020 दिनांक 29 सितम्बर 2020 के द्वारा यह स्पष्टीकरण जारी किया है कि टीसीएस की गणना करते समय जीएसटी को शामिल किया जाएगा।
लेकिन धारा 194 Q के तहत टीडीएस के साथ ऐसा नहीं है इसलिए टीडीएस के सम्बन्ध् में बोर्ड का एक सर्कुलर 23/2017 दिनांक 19 जुलाई 2017, जो कि सर्विसेज के संबंध् में है, यह कहा गया है कि ‘‘टीडीएस जीएसटी छोड़ते हुए काटा जाना चाहिए’’ ही लागू होना चाहिए। लेकिन यहाँ ध्यान में रखों कि माल के सम्बन्ध् में ऐसा कोई स्पष्टीकरण अभी जारी नहीं हुआ है।भ्रम और विवाद समाप्ति के लिए स्पष्टीकरण जारी होना चाहिए।
यदि सरकार की मंशा कुछ और है अर्थात वह इस टीडीएस को जीएसटी की राशी पर भी कटवाना चाहती है तो इस सम्बन्ध् में निर्देश 1 जुलाई 2021 से पूर्व सर्कुलर जारी कर दिए जाने चाहिए ताकि यह विवाद भी समाप्त हो।