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Auto Desk | Feb 24, 2021 | Company Update
आटो-कंपोनेंट कम्पनी जमना आटो इंडस्ट्रीज लि. के शेयरों में मार्च 2020 के मिनिमम लेवल्स से अब तक 190 प्रतिशत की बढ़त आ चुकी है व 70 रुपये की वर्तमान प्राइस पर कम्पनी के शेयर 72 गुना के पीई-मल्टीपल पर ट्रेड कर रहे हैं। जून 2020 तिमाही में कम्पनी को जहां घाटा हुआ वहीं सितम्बर व दिसम्बर 2020 तिमाही में पुनः कम्पनी प्रोफिट ग्रोथ के स्तर पर लौट आई। फाइनेंशियल ईयर 2019-2020 में आटो सेल्स में स्लोडाउन के कारण कम्पनी का नेट प्रोफिट 65 प्रतिशत घटकर 49 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।
जमना आटो इंडस्ट्रीज लि. कंवेंशनल लीफ स्प्रिंग, पेराबोलिक स्प्रिंग, लिफ्ट एक्सल्स व एयर सस्पेंशन प्रोडक्ट्स बनाती है जिनका यूज प्रमुख रूप से काॅमर्शियल व्हीकल्स में होता है। 65 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ कम्पनी इस सेगमेंट में मार्केट लीडर है। कम्पनी के क्लाइंट पोर्टफोलियो में टाटा मोटर्स, अशोक लीलेंड, भारत बेंच, वोल्वो-आयशर, एएमडब्ल्यू व इसूजू जैसी प्रमुख कम्पनियां शामिल हैं।
2018 से ही काॅमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में न्यू व्हीकल सेल्स कमजोर बनी हुई हैं जो 2020 में कोरोना के कारण और इंपैक्ट हुई है। 2018-19 में काॅमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री की सेल्स वाॅल्यूम ग्रोथ 5.15 प्रतिशत थी वहीं 2019-20 में इंडस्ट्री की सेल्स वाॅल्यूम में 18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। चालू फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती 6 महीनों में तो आटोमोबाइल इंडस्ट्री में न्यू व्हीकल सेल्स में करीब 40 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसमें भी काॅमर्शियल व्हीकल सेल्स में तो 56 प्रतिशत की गिरावट आई है व इस सेगमेंट में भी मीडियम व हैवी काॅमर्शियल व्हीकल सेगमेंट की सेल्स में 76 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। पिछले कुछ महिनों में पेंट-अप डिमांड व फेस्टिव सीजन के साथ ही पर्सनल मोबिलिटी के लिए बढ़ते प्रिफरेंस के चलते कार व 2-व्हीलर सेल्स में इजाफा देखा जा रहा है परन्तु काॅमर्शियल व्हीकल सेल्स में किसी प्रकार का उठाव देखने को फिल्हाल नहीं मिला है।
न्यू ट्रक सेल्स पर 2018 में घोषित एक्सल लोड नियमों से भी बड़ा इंपैक्ट पड़ा है। इसके अलावा बीएस-6 ट्रांजीशन एमीशन नियमों के कारण भी नए ट्रकों की कीमतों में इजाफा हुआ है। इस सेक्टर के प्रति आउटलुक अभी भी अनिश्चित ही बना हुआ है। असल में कोर सेक्टर एक्टिविटी लगातार कमजोर बनी हुई है व नवम्बर में इसमें लगातार 7वें महीने गिरावट दर्ज की गई। एक एजेंसी द्वारा फ्रन्ट् रेट्स पर आधारित डाटा के मुताबिक पिछले कुछ महिनों में लाॅकडाउन के चलते इंपैक्ट हुई ट्रकों की अवेलेबिलिटी व फेस्टिव डिमांड के कारण फ्रलीट युटिलाइजेशन व रेंटल्स में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो One-Off कही जा सकती है व इसकी सस्टेनेबिलिटी पर सवाल उठाते हैं। उक्त फेक्टरों की नामौजूदगी के कारण दिसम्बर में फिर रेट्स में कमी देखी गई। इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक मीडियम व हैवी काॅमर्शियल व्हीकल सेल्स में 2021-22 के आखिरी तिमाही से पहले रिकवरी की उम्मीद नहीं है। हालांकि स्क्रेपेज पाॅलिसी का इंप्लीमेंटेशन इस सेक्टर के लिहाज से पाॅजिटिव पहलू हो सकता है।