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Agency | Sep 14, 2023 | Social Update
वाहन पर फर्जी नंबर, खानी पड़ सकती है जेल की हवा
आपके वाहन पर फर्जी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट 9 (चएसआरपी) लगी हैं तो सावधान हो जाएं। फर्जी नम्बर प्लेट लगाने पर संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया जाता हैं। इस स्थिति में वाहन स्वामी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती हैं। नम्बर प्लेट अधिकृत डीलर से ही लगवाएं। असली और नकली नंबर प्लेट की पहचान वाहन सॉफ्टवेयर से हो सकती हैं। एक अप्रैल 2019 से पहले की वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कंपनी से आने में 15 दिन का समय लगता है। जल्दी के चक्कर में लोग फर्जी नंबर प्लेट बनाने बाले गिरोह के चंगुल में फंसने लगे है। फर्जी नंबर प्लेट पर असली नंबर प्लेट की तरह होलोग्राम कोड अंक बोल्ट तक लगा दिए जाते हैं।
वाहन सॉफ्टवेयर पर जांच के बाद पता लगता हैं की नंबर प्लेट नकली हैं या असली
फिटनेस चेकिंग के दौरान नहीं होती जांच
काॅमर्शियल वाहनों की हर वर्ष में फिटनेसचेकिंग जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती हैं। हाई सिक्योरिटी प्लेट लगी होने के बाद कोई दिन नहीं दिया जाता हैं। वाहन सॉफ्टवेयर पर जांच तक नहीं की जाती हैं उसी का नतीजा हैं की फर्जी नंबर प्लेट का कारोबार तेजी से बढ़ा है।
चेसिस और प्लेट नंबर में मिलता है अंतर
किसी वाहन का नंबर प्लेट चेसिस के आधार पर होता है वहां सॉफ्टवेयर पर नंबर अंकित कर डिटेल ली जाते है। यदि प्लेट नंबर में अंतर आता है तो उससे फर्जी नंबर प्लेट की जानकारी होती है। इस पर वहां स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है।
हाई रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाते समय रखे ध्यान
राजीव गुप्ता, आगरा
मोः 9837097850