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Agency | May 04, 2023 | Travelling Destinations
डलहौजी का खज्जियार
हिमाचल की खूबसूरती का सार
डलहौजी से खज्जियार तक जाने का रास्ता बहुत ही खूबसूरत और विविधतापूर्ण है।
हिमाचल की सबसे खास जगहों में शुमार डलहौजी देश का जाना माना पर्यटक स्थल है। जिसकी वजह से घूमने-टहलने की इच्छा रखने वाला हर व्यक्ति इस जगह पर आना चाहता है। यह जगह अपनी शांत और सुंदर वादियों, प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा और पर्यटन स्थलों की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है। इस स्थान को बिटिश गवर्नर लाॅर्ड डलहौजीने 1854 में विकसित किया था, ताकि वह यहां की शांत और सुंदर वादियों में अच्छा समय व्यतीत कर सकें। ब्रिटिश अधिकारी इस जगह पर अपनी छुट्टियां बिताने के लिए आते थे। यह जगह जितनी तब लोकप्रिय थी, वर्तमान में उससे भी कहीं ज्यादा लोकप्रिय है।
डलहौजीऔर इसके आसपास ऐसे बहुत सारे स्थान हैं, जहां पर देश-दुनिया से सैलानी घूमने के लिए आते हैं। डलहौजी जिस जगह के लिए खास है वह है खज्जियार। जितना प्रसिद्ध डलहौजी है, उतना ही खज्जियार है। इसीलिए जो लोग भी डलहौजी घूमने आते हैं, उनका अगला पड़ाव खज्जियार ही होता है।
डलहौजी से खज्जियार तक जाने का रास्ता बहुत ही खूबसूरत और विविधतापूर्ण है। इस रास्ते की खूबसूरती में लोग इस कदर खो जाते है कि कब खज्जियार आ जाता है, पता ही नही चलता। खज्जियार में सबसे पहला परिचय खज्जियार झील और खज्जी नाग मंदिर से होता है। दोनों ही स्थान देखने में काफी खूबसूरत है। खज्जियार के बाद दूसरा देखने का स्थान डैनकुंड पीक है। डैनकुंड पीक को कुछ लोग सिंगिग हिल के नाम से भी जानते है। इस पीक से एलओसी की दूरी महज 10 किलोमीटर है और सिंगिंग हिल की ऊँचाई समुद्र तल से 2755 मीटर है। इस चोटी पर पहुंचकर आसपास के स्थानों और खज्जियार की बेमिसाल खूबसूरती को देर तक निहारते रहते हैं। रास्ते में कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य भी देखने लायक स्थान है क्यों कि यह जगह गांधी चैक से भी नजदीक है। 20 किलोमीटर के दायरे में फैले इस अभयारण्य में तरह-तरह के जीव और वनस्पतियों और देवदार के ऊँचे और घने जंगलों से घिरी इस जगह की खूबसूरती को लोग निहारते रहते है। इस जगह से एलओसी की दूरी महत 6 किलोमीटर ही रह जाती है। जो लोग इस जगह पर आते हैं, उनके मन में एलओसी देखने की भी गजब की चाह रहती है।
अगले देखने लायक स्थान पंचपुला जलप्रपात, संत जाॅन चर्च, चमेरा झील भी है। पंचपुला, डलहौजी और आसपास के क्षेत्रों के लिए पानी का मुख्य स्त्रोत है। सही मायने में डलहौजी को घूमने-देखने का जो अनुभव होता है, वह हमेशा हमेशा के लिए स्मृतियों में बस जाता है।
डलहौजी पहुंचना काफी आसान है। इस जगह पर सुविधनुसार सड़क मार्ग, ट्रेन और हवाई जहाज का विकल्प चुन सकते है। यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट और हवाई अड्डा कांगड़ा है। इस जगह पर वैसे तो कभी भी आ सकते हैं, परंतु जनवरी से मार्च तक का समय सबसे सही रहता है। इस समय यहां पर चारों तरपफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है, जो बहुत आकर्षक लगती है।